रांची। बरहरवा कॉलेज, साहिबगंज में लेक्चरर पद पर कार्यरत अनिल कुमार सरकार एवं अन्य की अवमानना याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई। हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति डॉ एसएन पाठक की कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि 6 दिसंबर 2024 तक अगर हाइकोर्ट की एकल पीठ के आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो उच्च शिक्षा सचिव एवं निदेशक की वेतन निकासी पर 6 दिसंबर के बाद से रोक लग जायेगी। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने पैरवी की।
दरअसल, फोर्थ फेज के तहत अंगीभूत बरहरवा कॉलेज, साहिबगंज में लेक्चरर पद पर कार्यरत प्रार्थियों अनिल कुमार सरकार एवं अन्य की सेवा का समायोजन अग्रवाल कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर एसकेएम यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया था। लेकिन प्रार्थियों अनिल कुमार सरकार एवं अन्य जो लेक्चरर पद पर काम कर रहे है। उन्हें पंचम एवं छठे वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा था, जिसे लेकर उनकी ओर से हाइकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की गयी थी। हाइकोर्ट की एकल पीठ ने प्रार्थियों की याचिका स्वीकृत करते हुए वर्ष 2022 में राज्य सरकार को निर्देश दिया गया था कि प्रार्थियों को पंचम और छठे वेतनमान का लाभ दिया जाये।
इसके बाद एकल पीठ के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने हाइकोर्ट की खंडपीठ में अपील दाखिल की थी। सरकार की इस अपील को हाइकोर्ट ने वर्ष 2024 में खारिज कर दिया था। इसके बावजूद प्रार्थियों को पंचम एवं छठे वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया। इसी दौरान प्रार्थियों की ओर से हाइकोर्ट में अवमानना याचिका भी दाखिल की गयी। जिस पर कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए एकल पीठ के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया। आदेश का पालन नहीं होने पर 6 दिसंबर के बाद उच्च शिक्षा सचिव एवं निदेशक की वेतन निकासी पर रोक लगाने का निर्देश दिया।