पुखरायां (कानपुर देहात): उत्तर प्रदेश में कानपुर देहात के पुखरायां रेलवे स्टेशन के निकट कल तड़के हुए इन्दौर-राजेन्द्रनगर एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में मरने वाले यात्रियों की संख्या बढकर 145 हो गयी। इस दुर्घटना में घायल करीब 80 यात्रियों का अब भी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। सूबे के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने आज बताया कि 19321 इन्दौर-राजेन्द्रनगर(पटना) एक्सप्रेस ट्रेन के क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटाकर अब भी यह देखा जा रहा है कि कहीं कोई शव फंसा तो नहीं है।
इस बीच, पूर्व रेलवे के संरक्षा आयुक्त पी के आचार्य ने कल शाम मौके पर पहुंचकर हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। सूबे के मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने भी आज पहुंचकर घायलों का हालचाल पूछा और चिकित्सकों को उपचार में किसी तरह की कोताही नहीं होने देने की हिदायत दी। इसके पहले, इस दुर्घटना के बाद कल घटनास्थल पर पहुंचे रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने हादसे की जांच रेल संरक्षा आयुक्त को सौंपने के साथ ही कहा था कि इसके लिए दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। प्रथम दृष्टया दुर्घटना का कारण बोगी का पहिया जाम होना बताते हुए उन्होंने कहा था कि अंतिम तौर पर जांच रिपोर्ट आने पर ही सच्चाई का पता चलेगा।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार ठंड में रेल ट्रैक अक्सर चटक जाता है और इसके मद्देनजर सतर्कता बरती जाती है। ट्रैक को सही करके इस मार्ग पर रेल यातायात सुचारू करा दिया गया है। इस बीच, सूबे के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद के अनुसार पुखरायां रेल हादसे में मरने वाले 123 यात्रियों की अब तक शिनाख्त हो चुकी है। इनमें उत्तर प्रदेश के 60, मध्य प्रदेश के 25, बिहार के 23, महाराष्ट्र और झारखण्ड का एक-एक व्यक्ति शामिल है। अन्य मृतकों की शिनाख्त के प्रयास किये जा रहे हैं।
उधर, पुखरायां रेल हादसे के बाद ट्रेन के एस वन कोच के कुछ मामूली रुप से घायल यात्रियों का कहना था कि झांसी से रवाना होने के बाद उन्हें ट्रेन के पहिये से कुछ शोर सुनाई पडा। उनका कहना था कि इस खामी को ठीक करने के लिए ट्रेन को दो बार रोका भी गया लेकिन मरम्मत नहीं हो सकी और ट्रेन ने अपनी यात्रा जारी रखी। बाद में यह हादसा हो गया।
अधिकृत सूत्रों का दावा है कि इन्दौर-राजेन्द्रनगर एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर मिलते ही कानपुर, इलाहाबाद तथा झांसी से वरिष्ठ रेलवे अधिकारी और मेडिकल टीमें मौके पर पहुंच गई थीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था। रेलवे और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने आपस में समन्वय बनाकर काम किया।
राहत एवं बचाव कार्य में सहायता के लिए रेलवे और उत्तर प्रदेश सरकार की विभिन्न एजेन्सियों के अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम के साथ बचाव कार्य में सेना की भी मदद ली गई। राज्य सरकार ने घटनास्थल के आसपास के जिलों के चिकित्सा विभाग के कर्मियों की रविवार की छुट्टी रद्द कर दी थी।
रेलवे द्वारा इस हादसे के मद्देनजर झांसी में 05101072 उरई में 051621072 कानपुर में 05121072 और पुखरायां में 05113270239 में हेल्पलाइन नम्बर जारी किए गये। कानपुर और झांसी के बीच लम्बी दूरी की अनेक ट्रेनें इस हादसे के मद्देनजर या तो निरस्त कर दी गईं अथवा उनको परिवर्तित मार्ग से संचालित किया गया।