अंबाला: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि भारत शांति के प्रति प्रतिबद्ध है और राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा के लिए सैन्य बलों की ताकत समेत अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मित्र राष्ट्रों के बीच हमारी बढ़ती प्रतिष्ठा की अह्म वजह हमारे सैन्य बलों की लगातार बढ़ती क्षमता है।’’ मुखर्जी ने कहा, ‘‘हालांकि शांति को लेकर हम दृढ़ प्रतिज्ञ हैं लेकिन राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा के लिए हम अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल करेंगे और मुझे पूरा भरोसा है कि वर्दी वाले हमारे साहसी पुरूष और महिलाएं चुनौतियों पर विजय पाने के लिए और मेहनत करेंगे।’’
यहां भारतीय वायुसेना के शिविर में सैन्य बलों के सर्वोच्च कमांडर मुखर्जी ने बरनाला स्थित 501 सिग्नल इकाई और असम के तेजपुर में स्थापित किए गए 30 स्क्वॉड्रन को प्रेसिडेंट्स स्टेंडर्ड्स प्रदान करने के बाद ये बातें कहीं। शांति और युद्ध दोनों ही वक्त भारतीय आकाश को सुरक्षित रखने वाले अत्याधुनिक युद्धक विमान सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमान का संचालन 30 स्क्वॉड्रन द्वारा किया जाता है। प्रेसिडेंट्स स्टेंडर्ड्स सैन्य बलों की उन इकाईयों को दिया जाता है जिन्होंने एक लंबी अवधि तक समर्पित और उल्लेखनीय सेवाएं दी हों। राष्ट्रपति ने कहा कि देश का सशस्त्र बल जो हमारे वायु योद्धाओं से परिलक्षित होता है उसने अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाकर सेवा के सर्वोच्च मानकों को कायम रखा है और वे ‘‘साहस तथा दृढ़ता’’ के प्रतीक हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश की सैन्य क्षमता में अत्याधुनिक होने और आपदा राहत तथा मानवीय सहायता अभियानों में अग्रणी रहने के लिए भारतीय वायु सेना की सराहना की। भारतीय वायुसेना के 30 स्क्वॉड्रन की स्थापना एक नवंबर, 1969 को हुई थी और वर्तमान में यह इकाई दक्षिण पश्चिम वायु कमांड के नियंत्रण में पुणे में स्थित है। जबकि 501 सिग्नल्स इकाई पर पश्चिमी विरोधियों से पंजाब इलाके की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। यह इकाई पंजाब के बरनाला में स्थित है। राष्ट्रपति ने वायुसेना की दोनों इकाईयों से ‘‘अपनी समृद्ध पंरपराओं को बरकरार’’ रखने और आने वाले वक्त में दुर्जेय यौद्धक बल के तौर पर काम करने को कहा। इस मौके पर हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, वायुसेना प्रमुख अरूप राहा और एयर मार्शल एसबी देव भी मौजूद थे।