लखनऊ: बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि देश में जबसे केन्द्र व राज्य सरकारों के बड़े-बड़े व महत्वपूर्ण सरकारी कार्य अधिकांशतः प्राइवेट सेक्टर को ही दिये जा रहे हैं तबसे ही बीएसपी समाज के शोषित-पीड़ित दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लोगों को प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण दिये जाने के लिये केन्द्र सरकार से लगातार माँग कर रही है, लेकिन इन वर्गों को मुख्य धारा से जोड़कर इनके जीवन में भी थोड़ा बुनियादी व आवश्यक सुधार लाने के लिए कोई भी सरकार तैयार नहीं है।
मायावती ने कहा कि इस सम्बन्ध में अब बिहार में बीजेपी के साथ सत्ता में बैठे लोगों को केन्द्र में अपनी गठबंधन की सरकार से इन वर्गों को प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण देने की केवल माँग करने की बजाय इन्हें इसमें सीधा आरक्षण ही दिलवाना चाहिये, यही ज़्यादा उचित व बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि इस मामले में ऐसी कोरी बयानबाजी करके मीडिया में केवल सुर्खी बटोरकर सस्ती राजनीतिक व लोगों में सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने से काम चलने वाला नहीं है बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री को पहले अपने स्तर पर ही कुछ काम करके भी दिखाना चाहिये।
इसके साथ ही, बीएसपी केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से फिर से यह माँग करती है कि वह इन वर्गों को प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने के मामले में जल्द से जल्द ईमानदारी व गंभीरता दिखाने के साथ-साथ यहाँ अपरकास्ट समाज व मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के ग़रीब लोगों को भी आर्थिक आधार पर इन्हें भी अलग से आरक्षण देने की अलग से व्यवस्था करे, यह देशहित में एक आवश्यक कदम होगा जिसकी समाज को वर्षों से प्रतीक्षा है।
मायावती ने कहा कि बीजेपी व आरएसएस के लोगों को देश के एस.सी., एस.टी. व ओ.बी.सी. वर्गों के आरक्षण को बरकरार रखे जाने को लेकर, इन्हें इस मामले पर केवल अपनी कोरी हवा-हवाई बयानबाजी करने की बजाय, इन वर्गों का समय से आरक्षण का कोटा भी अपनी केन्द्र की सरकार से पूरा करवाना चाहिये क्योंकि इसके अभाव में आरक्षण की मानवतावादी व कल्याणकारी व्यवस्था को पूरे तौर पर निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना दिया गया है।
इतना ही नहीं बल्कि इन वर्गों के सरकारी नौकरी में पदोन्नति में आरक्षण को भी संवैधानिक संशोधन के ज़रिये, इसे भी प्रभावशाली बनवाना चाहिये। इस सम्बंध में बीएसपी के संसद के भीतर व बाहर दोनों जगह जुझारु प्रयास से संवैधानिक संशोधन विधेयक राज्यसभा से तो पारित हो गया है परन्तु सरकार के जातिवादी रवैये के कारण यह लोकसभा में लम्बित पड़ा हुआ है, यह दुःख की बात है।