रांची : आज 8 नवंबर है. देश के लिए बहुत अहम दिन है. राजनीतिक दलों और केंद्र और झारखंड की सत्तारूढ़ दलों के लिए भी यह दिन बेहद अहम है. भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दल इस दिन जश्न मना रहे हैं. इस दिन की लोगों को उपलब्धियां बता रहे हैं. ‘कालाधन विरोध दिवस’ मना रहे हैं. वहीं, विरोधी दल इस दिन को काला दिन बताकर ‘काला दिवस’ मना रहे हैं.
एक साल पहले यानी 8 नवंबर, 2016 की रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया था. अपने भाषण में उन्होंने देश को बाहरी और आंतरिक शक्तियों से होने वाले नुकसान के बारे में बताया. इसके बाद जो घोषणा प्रधानमंत्री ने की, उसके बारे में कहा कि इससे आतंकवाद, नक्सलवाद और कालाधन का खात्मा हो जायेगा. प्रधानमंत्री ने तत्काल प्रभाव से 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का एलान कर दिया.विपक्षी दलों ने सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध किया. सरकार के इसी फैसले के खिलाफ बुधवार को देश भर में ‘काला दिवस’ मनाया जा रहा है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पूरे देश में ‘कालाधन विरोधी दिवस’ मना रही है. झारखंड की राजधानी रांची में भी कालाधन विरोधी दिवस और काला दिवस माया जा रहा है.रांची में अल्बर्ट एक्का चौक पर सुबह 10 बजे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं ने कालाधन विरोधी दिवस मनाया. यहां आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष गिलुवा के अलावा राज्य के नगर विकास मंत्री और रांची के विधायक सीपी सिंह, कांके के विधायक जीतू चरण राम, झारखंड खादी बोर्ड के चेयरमैन संजय सेठ व अन्य नेता एवं भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे.झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड विकास मोर्चा ने भी काला दिवस मनाया. रांची में कांग्रेस ने सुबह 11 बजे राजभवन के सामने झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शन किया. रात 8 बजे कांग्रेस कैंडल मार्च निकालेगी. वहीं, लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने 11 बजे रांची के उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया. सभी पार्टियों ने जिला और प्रखंड स्तर पर भी कालाधन विरोधी दिवस और काला दिवस मनाया.