अनोखे अंदाज में राज्य स्थापना दिवस को सेलिब्रेट किया भाजपा ने
रायपुर से हरिनारायण सिंह
रायपुर। लगातार चौथी बार सत्ता में वापसी की उम्मीदों के रथ पर सवार भाजपा ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में अनोखी रणनीति अपना रखी है। राज्य के प्रभारी सौदान सिंह की रणनीति पार्टी को लगातार मजबूती प्रदान कर रही है। चाहे फीडबैक हो या लोगों को पार्टी से जोड़े रखे का तरीका, ग्रामीण इलाकों में कार्यकर्ताओं की तैनाती हो या शक्ति केंद्र का गठन, सौदान सिंह एक सोची-समझी रणनीति के साथ काम करते हैं।
गुरुवार को छत्तीसगढ़ का स्थापना दिवस था। इसे राज्य उत्सव के रूप में मनाया जाता है। चुनाव के कारण इस बार सरकारी स्तर पर कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया, लेकिन सौदान सिंह ने इस मौके को भी पार्टी के पक्ष में करने की अनोखी रणनीति बनायी। उन्होंने इस साल के राज्य उत्सव को यादगार बना दिया। एक तीर से दो शिकार कर उन्होंने साबित कर दिया है कि राजनीतिक रणनीतिकारों में उनका जवाब नहीं है।
राज्य उत्सव के दिन भाजपा के उम्मीदवारों ने एक साथ उन 72 विधानसभा क्षेत्रों में नामांकन दाखिल किया, जहां 20 नवंबर को मतदान होना है। सौदान सिंह ने इस दिन को पार्टी के शक्ति प्रदर्शन का दिन भी बना दिया, जिसमें वह पूरी तरह सफल रहे। नामांकन पर्चा दाखिल करने से पहले उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि पार्टी के सभी उम्मीदवारों की सूची जारी हो जाये। ऐसा हुआ भी और विधानसभा चुनाव में अपने सभी उम्मीदवारों की सूची घोषित करने में भाजपा ने बाजी मार ली।
देश के चुनावी इतिहास में संभवत: यह पहला मौका था, जब किसी एक पार्टी के उम्मीदवारों ने एक साथ इतने अधिक विधानसभा क्षेत्रों में नामांकन दाखिल किया। इन उम्मीदवारों ने न केवल नामांकन पत्र दाखिल किया, बल्कि चुनावी सभाएं भी कीं। इन सभाओं में भारी भीड़ उमड़ी। सौदान सिंह ने यह भी सुनिश्चित किया था कि हरेक उम्मीदवार के नामांकन में कोई मंत्री, सांसद या पार्टी का कोई बड़ा नेता अवश्य मौजूद रहे। संभाग स्तर पर भी उन्होंने ऐसी ही व्यवस्था की थी। इसके तहत बिलासपुर में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास को बुलाया गया था, तो अंबिकापुर में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा उपस्थित थे। इन दोनों नेताओं ने पार्टी के उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल करने के बाद चुनावी सभाओं को भी संबोधित किया।
कोरबा जिले में सांसद डॉ बंशीलाल महतो नामांकन के समय मौजूद थे। उनके नेतृत्व में नामांकन रैली निकाली गयी। यह रैली घंटा घर चौक से कोसाबाड़ी चौक तक गयी। रैली में कोरबा, रामपुर, कटघोरा और पाली-तानाखार विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार शामिल थे। इस नामांकन बमबारी की सबसे खास बात यह रही कि भाजपा के वैसे उम्मीदवारों ने फिर से नामांकन पर्चा दाखिल किया, जो पहले भी दाखिल कर चुके हैं। सौदान सिंह की रणनीति थी कि राज्य उत्सव को यादगार बनाने में पार्टी के शक्ति प्रदर्शन की बड़ी भूमिका हो सकती है।
इस नामांकन बमबारी के पीछे शक्ति प्रदर्शन के साथ पार्टी की सांगठनिक एकता प्रदर्शित करना भी था। इस चुनाव में हर दिन भाजपा अपनी स्थिति मजबूत करने में सफल हो रही है। विकास योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन और प्रशासनिक पारदर्शिता के साथ दीर्घ अवधि की योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर पार्टी ने सत्ता में अपनी वापसी की संभावनाओं को मजबूती दी है। लोग पार्टी के पिछले 15 साल से शासनकाल को प्रदेश के लिए बेहद सकारात्मक और विकासोन्मुखी बताते हैं। वे इसे जारी रखने के पक्ष में नजर आ रहे हैं। वैसे भी चावल बाबा के नाम से मशहूर डॉ रमण सिंह के खिलाफ विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। इसलिए वह मतदाताओं के सामने विकल्प पेश नहीं कर सका है।
हर दिन पांच सौ किलोमीटर का दौरा करते हैं राजेंद्र सिंह
राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग की 14 विधानसभा सीटों के प्रभारी राजेंद्र सिंह भी राज्य उत्सव के दिन मैराथन दौरे में व्यस्त रहे। उन्होंने अंतागढ़, भानुप्रतापपुर और जगदलपुर विधानसभा क्षेत्रों में बड़गांव, तापसी, कोरेर और अन्य गांवों का दौरा कर कार्यकर्ताओं को आवश्यक टिप्स दिये। उनके साथ पार्टी के अमित, दीपक राज, अमरेंद्र बिट्टू आदि कार्यकर्ता भी थे।
राजेंद्र सिंह सुनिश्चित करते हैं कि जिन इलाकों में पार्टी की चुनावी सभा हो और उसमें मुख्यमंत्री डॉ रमण सिंह या कोई बड़ा नेता शामिल होनेवाले हों, वहां वह पहले पहुंच कर सभी तैयारियों को चाक-चौबंद करायें। इस काम के लिए वह हर दिन कम से कम पांच सौ किलोमीटर का दौरा करते हैं। आधी रात के बाद तक मुलाकातों-बैठकों का सिलसिला लगातार जारी रहता है। राजेंद्र सिंह हर दिन की रिपोर्ट सौदान सिंह को निश्चित तौर पर सौंपते हैं और अगले दिन की कार्ययोजना की जानकारी भी देते हैं।