कोच्चि: केरल हाइकोर्ट ने श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में सलवार और चूड़ीदार पहन कर आई महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी को जारी रखने का आदेश दिया है। देश के सबसे धनी माने जानेवाले पद्मनाभ मंदिर में अब महिलाएं सलवार कमीज और चूड़ीदार पायजामा पहन कर प्रवेश नहीं कर पायेंगी। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि मंदिर के रीति-रिवाजों को लेकर मंदिर के मुख्य तंत्री का लिया गया फैसला ही माना जायेगा। मंदिर के कार्यकारी अधिकारी केएन सतीश को मंदिर से जुड़ी परंपरा में बदलाव करने का कोई हक नहीं है।
बता दें कि कुछ समय पहले परंपरा को तोड़ते हुए महिला श्रद्धालुओं को ड्रेस कोड में छूट देने की घोषणा की गयी थी, जिसके मुताबिक महिलाएं सलवार कमीज और चूड़ीदार पायजामा पहन कर भी मंदिर में पूजापाठ कर सकती हैं। मंदिर के मुख्य तंत्री ने इसका विरोध भी किया था। अभी तक की व्यवस्था के अनुसार महिला श्रद्धालु ने अगर सलवार और चूड़ीदार पहन रखी है, तो उन्हें मंदिर के भीतर जाने से पहले कमर से ऊपर मुंडू (धोती) पहननी पड़ती थीं। केरल उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक याचिका का निस्तारण करते हुए मंदिर के मुख्य कार्यकारी को निर्देश दिया था कि वह महिला श्रद्धालुओं के ड्रेस कोड का मामला 30 दिनों के भीतर सुलझाएं। याचिका में मांग की गयी थी कि सलवार कमीज और चूड़ीदार पहने महिलाओं को भी मंदिर के भीतर जाने की इजाजत दी जाए जिसे अब खारिज कर दिया गया है।
केरल उच्च न्यायालय की डिविजन बेंच ने गुरुवार को पद्मनाभस्वामी मंदिर में नये ड्रेस कोड की अनुमति को अस्वीकार कर दिया है। अदालत ने यह आदेश निजी पार्टियों की याचिका पर विचार के बाद लिया है। कई समूह ड्रेस कोड की नई परंपरा के खिलाफ थे। केरल का पद्मनाभस्वामी मंदिर 2011 में उस वक्त दुनियाभर में चर्चा के केंद्र में आ गया था जब मंदिर के तहखाने से तकरीबन एक लाख करोड़ रुपये का खजाना मिला था। इससे हर किसी की उत्सुकता मंदिर को लेकर बढ़ गयी थी।