इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा कि अमृतसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली और एनएसए अजित डोभाल के साथ ‘‘अभिवादन’’ हुआ। इससे पहले भारत ने कहा कि ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन के इतर भारत-पाक द्विपक्षीय बैठक नहीं हुयी। अजीज ने भारत से वापसी के ठीक बाद आनन-फानन में संवाददाता सम्मेलन बुलाया। उन्होंने शीर्ष भारतीय नेताओं के साथ अपने संवाद का कोई विवरण नहीं दिया लेकिन कहा कि कोई सफलता हासिल नहीं हुयी।
अजीज ने कहा, ‘‘हमें सफलता की उम्मीद नहीं थी। सम्मेलन से किसे इस तरह की उम्मीद थी। कम से कम मुझे तो ऐसी उम्मीद नहीं थी।’’ बहरहाल, भारतीय सूत्रों ने कहा कि धरोहर गांव ‘सड्डा पिंड’ भोज के आयोजन स्थल पर अजीज और डोभाल करीब 100 फुट तक चहलकदमी कर रहे थे, पाकिस्तानी अधिकारियों ने उल्लेख किया कि उनकी ‘‘बैठक’’ हुयी। हालांकि यह नहीं पता कि उनकी क्या बातचीत हुयी। इस बारे में पूछे जाने पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘‘बैठक नहीं हुयी।’’
पाकिस्तान से लौटने के बाद अजीज ने कहा कि उनका देश कश्मीर सहित सभी मुद्दों पर भारत से बातचीत के लिए तैयार है और इस विचार को खारिज कर दिया कि कश्मीर समस्या नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर सच्चाई है। अगर यह समस्या नहीं होती तो वहां 700,000 सैनिक क्यों हैं? चार महीने तक कश्मीर बंद क्यों रहा?’’
अजीज ने भारत पर हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में पाकिस्तानी मीडिया के साथ सही बर्ताव नहीं करने का भी आरोप लगाया और कहा कि उन्हें संवाददाता सम्मेलन करने की अनुमति नहीं दी गयी। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मीडिया के प्रति रवैया ठीक नहीं था। मैं हमारे अपने मीडिया के साथ संवाद करना चाहता था। लेकिन हमें इसकी अनुमति नहीं दी गयी।’’ अजीज ने सम्मेलन में पाकिस्तान के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘अशरफ गनी का बयान अफसोसजनक है। यह काबुल में फिक्र को दिखाता है, कानून एवं व्यवस्था की गिरती स्थिति के कारण इसे समझा जा सकता है।’’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने गनी को फिर से आश्वस्त किया था कि उसकी सरजमीं का इस्तेमाल काबुल के खिलाफ नहीं होगा। अजीज ने जोर देकर कहा कि गनी ने वही कहा जो भारत सुनना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि अफगानिस्तान के साथ हमारे संबंध स्वतंत्र हैं और हमें कई मोर्चे पर सहयोग की जरूरत है।’’ उन्होंने दावा किया कि भारत अपने फायदे के लिए अफगानिस्तान का इस्तेमाल करना चाहता है लेकिन उसे सफलता नहीं मिलेगी। अजीज ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तानी संबंधों को बर्बाद करने की भारतीय कोशिशें सफल नहीं होगी क्योंकि हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। यही कारण है कि हम चाहते हैं कि अफगानिस्तान में आतंकवाद खत्म हो।’’
अजीज ने कहा कि हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन एलईटी और जेईएम वाला घोषणापत्र सर्वसम्मति से लाया गया। अपनी वापसी पर अजीज ने इसकी महत्ता को तवज्जो नहीं देते हुए रेखांकित किया कि लश्करे तैयबा और जैश ए मोहम्मद के साथ घोषणापत्र में अन्य समूहों का भी जिक्र किया गया।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सम्मेलन का जोर आतंकवाद खत्म करने के लिए सभी क्षेत्रीय संगठनों से निपटना था। एचओए युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण पर चर्चा का मंच है। अजीज ने कहा कि घोषणापत्र सर्वसम्मति वाला था और केवल लश्करे तैयबा और जैश ए मोहम्मद का ही नहीं बल्कि कई और समूहों का उल्लेख हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद से निपटने के लिए हम दबाव में नहीं हैं। यह सच नहीं है कि क्योंकि हम अपने हित में यह पहले से कर रहे हैं।’’ उन्होंने एचओए सम्मेलन में शिरकत करने के पाकिस्तान सरकार के फैसले का भी बचाव किया।