लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित प्रो0 रामगोपाल यादव ने कहा कि पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने गलत तथ्यों के आधार पर उनके और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ कार्रवाई की है। प्रो0 यादव ने आज यहां पत्रकारों से कहा “ शीर्ष स्तर पर असंवैधानिक काम हो रहे हैं। शीर्ष स्तर पर बैठे नेता जब अपने काम को बखूबी अंजाम देने में विफल रहते हैं तो जनप्रतिनिधियों की मांग पर राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाने को बाध्य होना पडा। सपा मुखिया ने एक बार भी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलायी। बिना एक भी बैठक के उम्मीदवारों की सूची कैसे घोषित हो गयी।”
रामगोपाल ने कहा कि पार्टी में शीर्ष स्तर पर असंवैधानिक काम किया जा रहा है। बिना संसदीय बोर्ड के कैसे उम्मीदवार तय किया गया, मैं उसका सदस्य सचिव था। कहां मीटिंग हुई, बताएं। पार्टी के असंवैधानिक कार्यों के खिलाफ मेरे पास शिकायतें थीं और आपातकालीन बैठक के लिए कोई समय नहीं तय होता है। रामगोपाल ने कहा कि मुलायम को पार्टी संविधान की जानकारी नहीं है। यूपी में ही सिर्फ निर्वाचित डेलिगेट्स हैं और उन्हीं की मांग पर बैठक बुलायी गयी है। दूसरे राज्यों में मनोनीत लोग हैं। अत: निर्वाचित डेलिगेट्स के आग्रह पर बैठक बुलायी गयी। हारने वालों को नेताजी ने टिकट दे दिया है।
गैर यादव से वोट मांगने की जरूरत पड़ती है, तो उन्हें रामगोपाल की याद आती है। चुनाव में पता चल जायेगा कि गैर यादव में किसकी पैठ है। उन्होंने कहा कि पूरा हिंदुस्तान जानता है कि मुख्यमंत्री का भविष्य कौन खराब कर रहा है। मैंने प्रशासनिक मामले में अखिलेश को कोई राय नहीं दी, न सिफारिश करता हूं, मैं लखनऊ कम आता हूं। अगर काम करवाना होगा तो किसी अफसर को कह दूंगा, कर देगा। मेरे हर किसी से अच्छे रिश्ते रहे हैं, चाहे बीएसपी, बीजेपी या कांग्रेस हो और किसी सरकार में मेरे काम हो सकते हैं। मैं अब भी पार्टी का महासचिव हूं, कल भी रहूंगा। उन्होंने कहा कि अगले कदम के बारे में एक जनवरी के बाद बतायेंगे।