पणजी: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के कुछ टॉल प्लाजाओं पर मौजूद सैनिक सशस्त्र बलों की आवाजाही की स्थिति में सड़कों की वहन क्षमता का अध्ययन कर रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सैन्य बलों को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया। ममता का नाम लिए बिना पर्रिकर ने गोवा के मेयम क्षेत्र में विजय संकल्प रैली के दौरान कहा कि पिछले दिनों वह एक मुख्यमंत्री का बयान सुन रहे थे। सेना उस राज्य में नियमित सर्वेक्षण के लिए गयी थी। हर साल, एक बार या दो बार, वे सड़क की क्षमता का अध्ययन करने के लिए राज्यों में जाते हैं। यह सेना की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए किया जाता है।
उन्होंने कहा, “ऐसे बल 100-200 के समूह में नहीं चलते। उनकी संख्या 10,000 से 15,000 होती है। ऐसे में उनकी आवाजाही के लिए कम से कम 500 ट्रकों की आवश्यकता होती है। इसलिए सेना हमेशा सडक की वहन क्षमता की जांच करती है।’’ पर्रिकर ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि मुख्यमंत्री ने क्या महसूस किया। जब मैं सोने जा रहा था, टेलीविजन पर बयान दिखाया जाने लगा कि सेना ने कब्जे में ले लिया है।’’ इसके बाद उन्होंने सेना से जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि 2012 में खनन गतिविधियों पर आश्रित लोगों को अपनी आर्थिक गतिविधियों के बंद हो जाने के कारण आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर होना पड़ जाता लेकिन भाजपा नीत राज्य सरकार द्वारा वित्तीय मदद दिए जाने से स्थिति टल गयी। पर्रिकर ने कहा, ‘मुझे 2012 की स्थिति याद है। अचानक खनन उद्योग ठप हो गया। मैं समझ सकता हूं कि लोगों पर क्या बीतती है जब उनकी आमदनी बंद हो जाती है।’’ उन्होंने कहा कि कुल 12 हजार ट्रक मालिकों और 4500 लोगों के रोजगार छिन गए और राज्य सरकार ने उन्हें मासिक आधार पर राहत की।