चेन्नई: आलोचनाओं से घिरे इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक ने स्वीकार किया कि भारत के खिलाफ निराशाजनक टेस्ट श्रृंखला के दौरान अपनायी गयी रणनीति में वे भले ही कहीं गलत हो गये हों लेकिन उन्होंने जोर दिया कि प्रयास में कोई कमी नहीं थी। यहां तक कि कुक अपनी बल्लेबाजी और कप्तानी दोनों में जूझते दिखे, जिससे मजबूत भारत ने पांचवें और अंतिम टेस्ट से पहले 3–0 से अजेय बढ़त हासिल कर ली। भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने उदाहरण पेश करते हुए एक दोहरे शतक सहित दो शतकों से 640 रन जुटाये। कुक ने मैच से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों से कहा, ‘‘एक चीज के बारे में मेरी आलोचना नहीं की जा सकती है और वो है एकजुटता। हमने जो प्रयास किये हैं, उसके बारे में कोई पछतावा नहीं। वहीं फैसलों के बारे में हमें निश्चित रूप से कुछ बदलाव करने चाहिए थे। हमारे कुछ फैसले गलत रहे, लेकिन जो हो गया वो हो चुका। मुझे नहीं लगता कि कोई भी हमारे जज्बे के बारे में गलती निकाल सकता है।“
इस सीरीज में कुक की कप्तानी के बारे में काफी सवाल पूछे जा रहे हैं, कुछ कह रहे हैं कि अब समय आ गया है जब जिम्मेदारी जो रूट को दे देनी चाहिए लेकिन उन्होंने इस विवाद को दबाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘‘आपका आकलन आपके परिणामों के आधार पर किया जाता है, क्या ऐसा नहीं है? जब आप मैच गंवाते हो तो आपकी आलोचना होती है। यह हर जगह होता है, जब विराट मैच गंवाता है तो उसकी भी आलोचना होती है। जब मैं मैच गंवाता हूं तो मेरी आलोचना होती है। यह खेल का हिस्सा है। यहां तक कि इंग्लैंड रग्बी कप्तान हार्टले के भी साथ ऐसा ही होता है, तुम क्रिकेट में कुछ मैच जीतते हो, रग्बी में कुछ मैच गंवाते हो।“