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    Home»देश»संसद का पूरा शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ने के आसार
    देश

    संसद का पूरा शीतकालीन सत्र हंगामे की भेंट चढ़ने के आसार

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीDecember 15, 2016No Comments5 Mins Read
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    नई दिल्ली:  संसद के शीतकालीन सत्र में अब मात्र एक दिन बचा है तथा नोटबंदी, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर सौदा एवं कुछ अन्य मुद्दों को लेकर सरकार एवं विपक्ष के बीच गतिरोध जारी रहने के कारण पूरा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ने के आसार हैं।

    संसद के दोनों सदनों में आज भी नोटबंदी सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण गतिरोध जारी रहा तथा लोकसभा एक बार एवं राज्यसभा तीन बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में आज सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने नोटबंदी सहित विभिन्न मुद्दों पर भारी हंगामा किया। विपक्ष ने नोटबंदी तथा मौसम की मार से बेहाल किसानों की परेशानियों का मुद्दा उठाते हुए उन्हें रिण माफी दिए जाने की मांग की।

    सुबह कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के कुछ सदस्य पोस्टर दिखाते हुए अपने स्थानों से आगे आ गए। वे एक समाचार पत्र की रिपोर्ट को प्रदर्शित कर रहे थे। इस खबर में दावा किया गया कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में कुछ लोगों को अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथित रूप से धन मिला था। भाजपा सदस्य जानना चाह रहे थे कि हेलीकाप्टर घोटाले के पीछे कौन लोग थे।

    उपसभापति पीजे कुरियन ने उन्हें पोस्टर दिखाने से मना करते हुए कहा कि उन्होंने विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को बोलने की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि सदन की परंपरा रही है कि जब सदन के नेता या विपक्ष के नेता बोलते हैं तो दोनों पक्ष शांति से सुनते हैं। उन्होंने सत्तापक्ष के हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने की अपील की। इस दौरान कांग्रेस के भी कुछ सदस्य अपने स्थानों से आगे आ गए और वे आजाद को बोलने का मौका देने की मांग कर रहे थे।

    हंगामे के बीच ही आजाद ने कहा कि उन्होंने सूखा, बाढ़ और नोटबंदी के कारण किसानों को हो रही परेशानी के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि सत्तापक्ष सदन को नहीं चलने दे रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तापक्ष दोनों सदनों की कार्यवाही को बाधित कर रहा है।

    गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने किसानों का कर्ज माफ करने तथा उनकी परेशानी दूर किए जाने की मांग पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि किसान मर रहे हैं और उनकी सब्जियां सड़ रही हैं। उनकी फसलों की कीमतें आधी हो गयी हैं। लेकिन सत्तापक्ष सदन चलने नहीं दे रहा। सदन में शोर के कारण उनकी बात पूरी तरह से नहीं सुनी जा सकी। कुरियन ने एक बार फिर सत्ता पक्ष के सदस्यों को अपने स्थानों पर जाने की अपील की।

    शोर शराबे के बीच ही सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने आजाद से जानना चाहा कि वह किस बारे में बोलना चाहते हैं। संसदीय कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का एक और भ्रष्टाचार सामने आया है और सत्तापक्ष के सदस्य उस पर चर्चा चाहते हैं। इस पर कुरियन ने कहा कि वे इसके लिए नोटिस दें।

    इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्य भी पोस्टर दिखा रहे थे। कुरियन ने उन्हें ऐसा करने से मना किया। हंगामे के बीच ही नायडू, बसपा प्रमुख मायावती सहित कई सदस्य कुछ बोलते दिखे। लेकिन शोर के कारण उनकी बात सुनी नहीं जा सकी। दोपहर दो बजे राज्यसभा की बैठक शुरू होने पर उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि दोनों ही पक्ष बाधा उत्पन्न कर रहे हैं और व्यवधान डाल रहे हैं। इसका यह अर्थ है कि दोनों ही पक्ष नहीं चाहते कि सदन में चर्चा हो।

    सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि नोटबंदी के फैसले के कारण देश के किसान काफी परेशान हैं। हम उम्मीद कर रहे थे कि सरकार किसानों की कर्ज माफी के फैसले की घोषणा करेगी। बसपा के सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि किसानों के बीज सड़ रहे हैं। नोटबंदी के फैसले के कारण किसानों के पास खाद आदि खरीदने के पैसे नहीं हैं। हंगामे में जदयू नेता शरद यादव ने भी कुछ कहने का प्रयास किया, लेकिन शोर के कारण उनकी आवाज नहीं सुनी जा सकी।

    उपसभापति पीजे कुरियन ने सदन से कहा कि नोटबंदी के मुद्दे पर अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाया जाए। इसी बीच, कांग्रेस के कई सदस्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आ गए। उधर, सत्ता पक्ष के कई सदस्यों का अपने स्थानों से आगे आकर नारे लगाना भी जारी था। हंगामे के कारण कुरियन ने दो बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

    उधर, लोकसभा में भी नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामा जारी रहा। विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष ने भी कहा कि वे आज ही इस मुद्दे पर सदन में चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन इसके बावजूद कोई चर्चा नहीं हुई। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्ष चर्चा से कतई नहीं भाग रहा है और वह लचीला रूख अपनाते हुए बिना किसी नियम के इस पर चर्चा को तैयार है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चर्चा से भाग रहे हैं। वह सदन में नहीं आ रहे।

    उनके इस आरोप पर कड़ा प्रहार करते हुए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने काले धन के खिलाफ संघर्ष शुरू किया है और सरकार नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा को तैयार थी, तैयार है और तैयार रहेगी। उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी नोट जुगाड़ में लगी है और आज एक नया खुलासा सामने आया है। अनंत कुमार ने कहा कि अगस्तावेस्टलैंड मामले में नया खुलासा हुआ है।

    उन्होंने तीखा प्रहार करते हुए कहा, अगस्तावेस्टलैंड के नए खुलासे पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। कांग्रेस के नोट जुगाड़ पर चर्चा होनी चाहिए, बसपा, सपा और कांग्रेस की भूमिका पर चर्चा होनी चाहिए। सरकार चर्चा से नहीं भाग रही है। उन्होंने कहा, राहुल गांधी भाग रहे हैं, कांग्रेस भाग रही है और विपक्ष चर्चा से भाग रहा है।

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