रांची: राजधानी में इजीनियरिंग की छात्रा के साथ दुष्कर्म के बाद नृशंस हत्या मामले में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने डीजीपी को कड़ा निर्देश दिया है। सीएम ने कहा है कि जल्द से जल्द इस घटना में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाये, साथ ही ऐसे कड़े कदम उठाये जायें कि ऐसी घटनाएं ना हों। वहीं, इस मामले की जांच सीआइडी के हवाले कर दी गयी है। शनिवार को सीआइडी के एडीजी अजय कुमार सिंह एवं एफएसएल के निदेशक एके बापुली समेत कई वरीय पुलिस अधिकारियों ने बूटी बस्ती स्थित घटनास्थल का निरीक्षण किया। घटना के बारे में सीएम ने शनिवार को सुबह डीजीपी से बात की और उन्हें इस संबंध में निर्देश दिये।

शनिवार की दोपहर एडीजी सीआइडी, डीआइजी सीआइडी, रांची रेंज के डीआइजी, राजधानी के एसएसपी और एसपी घटनास्थल पहुंचे। उनके साथ फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के निदेशक एके बापुली भी जांच के लिए पहुंचे। सीआइडी के एडीजी अजय कुमार सिंह ने बताया कि घटना के हर पहलू पर काफी गंभीरता से जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि ऐसा लग रहा है कि किसी स्थानीय तत्व की घटना में संलिप्तता है।
गला दबा कर की गयी हत्या : सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण गला दबाना सामने आया है। उन्होंने बताया कि ‘मामले में तीन लोगों से पूछताछ की जा रही है, फिलहाल यह कहना संभव नहीं है कि घटना में कितने लोग शामिल थे।’ एडीजी सिंह ने कहा कि जल्द मामले का खुलासा हो जायेगा। मामले की जांच एसएसपी द्वारा सिटी एसपी के नेतृत्व में गठित एक विशेष टीम (एसआइटी) कर रही है।

पुलिस के लिए अब भी सवाल, हत्यारे कौन
बूटी बस्ती में इंजीनियरिंग छात्रा की हुई निर्मम हत्या में किसी जानकार, परिचित और करीबी का हाथ हो सकता है। मामले की जांच के दौरान घटना स्थल से मिले तथ्य और सबूत कुछ ऐसा ही इशारा कर रहे हैं। जांच में जुटी सीआइडी ने इसका दावा किया, पर वे कौन हैं और कहां हैं, यह अब भी पुलिस के लिए बड़ा सवाल है। पुलिस और सीआइडी के हाथ खाली हैं।

जल्द खुलासे का दावा
शनिवार को सीआइडी के एडीजी की अगुवाई में फॉरेंसिक साइंस लैब के अधिकारी, जोनल आइजी, एसएसपी, सिटी एसपी जैसे वरीय पुलिस पदाधिकारियों की टीम ने घटनास्थल की पड़ताल की और तथ्यों को करीब से देखा।

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