रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि जनवरी 2017 तक 2200 फॉरेस्ट गार्ड की नियुक्ति हो जायेगी। झारखंड में 30 साल से फॉरेस्ट गार्ड की नियुक्ति नहीं हुई है। सीएम ने कहा कि हाथियों के भोजन की पर्याप्त व्यवस्था हो, इसके लिए राज्य के जंगलों में बांस रोपण अभियान चलाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने उक्त बातें सोमवार को झारखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की आठवीं बैठक में कहीं।
जानवरों के लिए जंगलों में पानी की व्यवस्था होगी
उन्होंने कहा कि जंगल में जानवरों को पानी की दिक्कत न हो, इसके लिए जलस्रोत पुनर्जीवित किये जायें। हाथियों से प्रभावित पांच राज्यों के लिए एक कमिटी के गठन के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा जायेगा। बैठक में कहा गया कि भोजन एवं पानी की पूरी व्यवस्था नहीं होने से हाथी और अन्य जानवर इनकी तलाश में बाहर निकलते हैं। इनकी व्यवस्था जंगल में ही हो जाये, तो वे अपने स्थान से नहीं भटकेंगे। बताया गया कि बेतला टाइगर रिजर्व में भी पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। तीन साल के लिए प्लान बनाया गया है।
पारसनाथ पहाड़ में बनेंगे तीन पुलिस कैंप
इस दरम्यान पारसनाथ पहाड़ में तीन पुलिस कैंप बनाने के लिए भी अनुमति दी गयी। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, वन विभाग के वरीय अधिकारी और बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।
बुंडू में रेंज आॅफिस खोला जायेगा
वन विभाग के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सेंचुरी और गांव वालों को जोड़ा जा रहा है। इस क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में किये गये कार्यों का अध्ययन करने के लिए एक टीम को वहां भेजने के लिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया। बुंडू में रेंज आॅफिस भी खोलने का निर्णय लिया गया।
पांच आदर्श सेंचुरी बनेंगे
राज्य में स्थित 11 में से 5 सेंचुरी (वन्य प्राणी आश्रयणी) को प्राथमिकता देकर उन्हें आदर्श सेंचुरी बनाया जायेगा। बोर्ड की बैठक में रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित गौतम बुद्धा वन्यप्राणी आश्रयणी एवं हजारीबाग वन्यप्राणी आश्रयणी के एनएच 2 और एनएच 33 के राइट आॅफ वे में आॅप्टिकल फाइबर केबुल बिछाने की अनुमति प्रदान कर दी गयी है। यहां अंडरग्राउंड केबुल बिछाया जायेगा।