भाजपा के झारखंड प्रभारी दिलीप सैकिया पहली बार तीन दिवसीय दौरे पर झारखंड आये। उनका यह दौरा सांगठनिक और राजनीतिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। तीन दिन में बूथ से लेकर प्रदेश स्तरीय कमेटी के अलावा मंच-मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बैठक में एक ही मूलमंत्र दिया कि हार की निराशा से उबर कर अब फिर से विजय पथ की मंजिल की की ओर चल पड़ें। यही कारण रहा कि उन्होंने रांची के अलावा गुमला और नामकुम में बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं में भी जोश भरा। पार्टी कार्यकर्ताओं की मानें, तो सैकिया का यह दौरा पूरे संगठन में एक नयी ऊर्जा भर गया है। झारखंड आगमन पर उनका जोरदार स्वागत हुआ और इसके बाद से लगातार तीन दिन तक उन्होंने संगठन से जुड़े हर विभाग, प्रकोष्ठ, जिला स्तरीय पदाधिकारियों आदि के साथ बैठकें कीं। इधर सूचना है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक पखवाड़ा के अंदर झारखंड आ रहे हैं। इसके पहले झारखंड प्रभारी का यह दौरा सांगठनिक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण रहा। दिलीप सैकिया ने खुले तौर पर कहा दिया कि जब तक भाजपा की सरकार नहीं बना लेंगे, चैन से नहीं बैठेंगे। इस बयानके राजनीतिक गलियारे में मायने भी निकाले जाने लगे हैं। साथ ही प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के उस बयान को भी बल मिला है, जिसमें उन्होंने कहा था कि झारखंड में सरकार जल्द गिरेगी। चर्चा है कि बंगाल की तर्ज पर झारखंड में विधायकों को अपने पाले में करने का टॉस्ट दिया गया है। भाजपा के झारखंड प्रभारी दिलीप सैकिया के झारखंड आगमन और उनके राजनीतिक संदेश पर प्रस्तुत है आजाद सिपाही के सिटी एडिटर राजीव की रिपोर्ट।
विधानसभा चुनाव में 65 प्लस का नारा देनेवाली भाजपा जब 25 सीटों पर ही अटक गयी, तो उसका आत्मविश्वास डगमगा सा गया था। विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा खेमे में जो मायूसी छा गयी थी, खासकर कार्यकर्ता ज्यादा निराश हो गये। वहीं राज्यसभा चुनाव में मिली जीत से थोड़ी मायूसी खत्म जरूर हुई, लेकिन विधानसभा की दो सीटों के लिए हुए उपचुनाव में हार के बाद एक बार फिर भाजपाई ठंडाने लगे थे। उस ठंड को भगाने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के इरादे से ही झारखंड भाजपा के प्रभारी दिलीप सैकिया तीन दिवसीय दौरे पर रांची आये थे। इस क्रम में उन्होंने ने जो टॉनिक दी है, उससे भाजपा एक सशक्त विपक्ष की भूमिका में मजबूती से उतरेगी और राजनीतिक रूप से और अधिक आक्रामक रुख अख्तियार करेगी। कार्यकर्ताओं की मानें तो झारखंड प्रभारी का दौरा भाजपा को नयी ऊर्जा दे गयी है। पार्टी का मनोबल निश्चित रूप से मजबूत हुआ है। पार्टी के तमाम नेता-कार्यकर्ता कहने लगे हैं कि पार्टी अब दोगुने जोश के साथ झारखंड के लोगों की सेवा करेगी। विधानसभा चुनाव हारने के बाद पार्टी में मायूसी का जो आलम था, वह अब खत्म हो गया है। इसलिए पार्टी अब अधिक ताकत और उत्साह के साथ मजबूत विपक्ष की भूमिका निभायेगी। झारखंड प्रभारी ने इस दौरान पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, अमर कुमार बाउरी और रामचंद्र चंद्रवंशी को बड़ा टास्क दिया है। हालांकि इसका खुलासा नहीं किया गया है।
सांगठनिक स्तर पर आगे बढ़ने की बनी रणनीति
बीजेपी के झारखंड प्रभारी दिलीप सैकिया के तीन दिवसीय झारखंड दौरे के दौरान हुई बैठकों में सांगठनिक और राजनीतिक मोर्चे पर आगे बढ़ने की रणनीति बनायी गयी। हर बैठक में दिये गये टास्क और इस टास्क के साथ भविष्य में चुनाव जीतने का मुद्दा प्रमुख रहा। मुख्य रूप से बूथ को मजबूत करने पर जोर दिया गया। बैठक में यह भी तय हुआ कि अब भाजपा सत्ता पक्ष के राजनीतिक हमलों पर चुप बैठने के बजाय काउंटर अटैक करेगी। कहा जा रहा है कि दिलीप सैकिया राजनीति की बिसात पर अपनी चाल चल गये हैं, जिसका असर आनेवाले समय में देखने को मिलेगा।
नये साल में झारखंड भाजपा में नयी ऊर्जा भरेंगे जेपी नड्डा
झारखंड भाजपा में नयी ऊर्जा का संचार करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा नये साल के प्रथम सप्ताह में तीन दिवसीय प्रवास पर झारखंड आयेंगे। इससे पहले झारखंड प्रभारी ने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान टास्क दे दिया है। नड्डा के तीन दिनों के प्रवास में वह बूथ से लेकर राज्य स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे। सांगठनिक कामकाज की समीक्षा करेंगे। साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ सरकार के कामकाज और पार्टी की भूमिका पर भी चर्चा करेंगे। जानकारी के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का झारखंड प्रवास मुख्यत: संगठन की मजबूती को लेकर है। वह प्रदेश के नेताओं के साथ संगठन को नयी दिशा देने और भावी कार्यक्रमों पर मंथन करेंगे। नड्डा के कार्यक्रम को ध्यान में रखकर झारखंड भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है। पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने का काम भी लगभग खत्म हो गया है। झारखंड प्रभारी ने स्पष्ट तौर पर हिदायत दी है कि राष्टÑीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के झारखंड दौरे से पहले जिन-जिन जगहों पर संगठन का विस्तार नहीं हुआ है, उसे अंतिम रूप दे दिया जाये। जेपी नड्डा तीन से पांच जनवरी तक झारखंड में रहेंगे।
कार्यकर्ताओं को एक सूत्र में पिरो गये सैकिया
भाजपा के झारखंड प्रभारी दिलीप सैकिया पार्टी की मजबूती पर फोकस कर गये। वह तीन दिनी दौरे के दौरान गुमला पहुंचे। इस इलाके में विधानसभा की एक भी सीट पर भाजपा का परचम नहीं लहरा है। शायद इसी दृष्टिकोण से उन्होंने इस स्थान को चुना। इसके बाद नामकुम में बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की। यह सीट भी पहले भाजपा के कब्जे में थी, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में यह सीट कांग्रेस की झोली में चली गयी है। भाजपा का सांगठनिक फोकस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी को जिन इलाकों में शिकस्त मिली है, वहां ज्यादा फोकस कर रही है। इसी कारण कुछ दिनों पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश भी कोल्हान प्रमंडल के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं में नयी ऊर्जा का संचार किया। कोल्हान की एक भी सीट पर भाजपा नहीं जीत पायी है। इस कारण भाजपा का पहला मूलमंत्र है कि विधानसभा चुनाव की हार के बाद कार्यकर्ताओं का जो मनोबल टूट सा गया है, उसे पहले मजबूत किया जाये। इसी का नतीजा रहा कि रांची, गुमला के बाद झारखंड प्रभारी नामकुम पहुंचे और कार्यकर्ताओं को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास किया। उन्होंने पार्टी के नेताओं को टास्क भी दिया है कि कार्यकर्ताओं का मनोबल नहीं गिरने दें। कार्यकर्ता ही पार्टी की रीढ़ होते हैं। उनकी बदौलत ही चुनावी बाजी हम जीत सकते हैं। इसी मूलमंत्र के साथ अब पार्टी के नेता आनेवाले दिनों में क्षेत्र में कार्यकर्ताओं में जोश और ऊर्जा का संचार करने भी निकलेंगे। यह भी टास्क झारखंड प्रभारी ने दिया है। वैसे सरकार की एक साल की नाकामियों को भी जनता के बीच ले जाने को लेकर भाजपा कमर कस चुकी है। कुल मिला कर झारखंड प्रभारी के दौरे का मकसद यही रहा कि हार से उपजी हताशा को दूर कर संगठन को विजय के पथ पर बढ़ने के लिए जागरूक किया जाये। नजर 2024 पर है।