आतंकी गतिविधियों में संलिप्त संगठन पीएफआई पर पाबंदी लगाने के बाद अब उसके ट्विटर अकाउंट को भी बंद कर दिया गया है। साथ ही उसके कई नेताओं व कार्यकतार्ओं को गैर कानूनी गतिविधियां संचालित करने के आरोप मे गिरफ्तार किया गया है। गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर पाबंदी के साथ ही दो पृष्ठ की अधिसूचना जारी की है। इसमें संगठन की गतिविधियों से लेकर उसके खिलाफ कार्रवाई का पूरा विवरण है।
पाबंदियां अलोकतांत्रिक, कोर्ट जाएंगे : कैंपस फ्रंट आफ इंडिया
वही दूसरी ओ पीएफआई से जुड़े और प्रतिबंधित किये गये संगठन कैंपस फ्रंट आफ इंडिया ने पाबंदियों को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया है। संगठन का कहना है कि पाबंदी को कोर्ट में चुनौती दी जायेगी। संगठन ने आज ट्वीट किया, सीएफआई भारत में संगठन की सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से रोक देगा। इसके साथ ही सभी आरोपों को अदालत में चुनौती दी जाएगी।
पीएफआई पर कैसे लगा प्रतिबंध?
विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम 1967 की धारा 3(1) के तहत 5 साल के लिए यह प्रतिबंध लगा है। धारा कहती है, यदि केंद्रीय सरकार की यह राय हो कि कोई संगठन विधि-विरुद्ध है तो अधिसूचना द्वारा उसे विधि विरुद्ध घोषित कर सकेगी।
कोई संगठन आतंकी है, ऐसे होता है तय
यूएपीए में 2019 के संशोधन के अनुसार किसी व्यक्ति को आतंकी घोषित किया जा सकता है, ताकि वह प्रतिबंधित संगठन के सदस्यों या पदाधिकारियों को जोड़कर नये नाम से संगठन न बना ले। संगठन के मामले में केंद्र सरकार ऐसा कदम उठाती है जब संगठन आतंकी गतिविधि में शामिल रहा हो। ऐसी आतंकी सूची में फरवरी 2022 तक 42 संगठन शामिल थे… इनमें बब्बर खालसा इंटरनेशनल व सीपीआई माओवादी से लेकर एलटीटीई, लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन तक शामिल हैं।
आतंकी संगठन का मतलब
संगठन का सदस्य होना अपराध। सदस्य को 10 साल जेल, जुमार्ना। इनकी फंडिंग पूरी तरह प्रतिबंधित होगी। संपत्तियां जब्त और बैंक खाते फ्रीज होंगे। आतंकी गतिविधि या फंडिंग के जरिये संपत्ति हासिल की तो उम्रकैद तक हो सकती है।