-बागेश्वर धाम धीरेन्द्र शास्त्री के सूरत कार्यक्रम से पहले बैनर फाड़े
सूरत/अहमदाबाद। सूरत के लिंबायत में बाबा बागेश्वरधाम के दिव्य दरबार से पहले विरोध के सुर सुनाई दिए। दूसरी ओर मीडिया से बातचीत में धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि उनका एक ही लक्ष्य है सनातन धर्म, सभी को कर्म से हिन्दू बनाना। इस क्षेत्र के आदिवासियों के बीच जाकर कथा का आयोजन करेंगे और उनकी घर वापसी कराएंगे। वे कोई राजनीतिक दल नहीं हैं। सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता उनके शिष्य हैं। उन्हें एक ही पार्टी से जोड़ा जाए और वे हैं बजरंगबली।
सूरत में धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि वे अब कई दिनों तक गुजरात में रहेंगे। सूरत और तापी जिले में होने वाले धर्मान्तरण पर शास्त्री ने कहा कि आगामी दिनों में वे इस क्षेत्र में कथा का आयोजन करेंगे। जंगलों के आदिवासी क्षेत्रों में वे कथा कर रहे हैं। सनातन विरोधी ताकतों को देखते हुए उन्हें सिक्युरिटी दी जा रही है। सरकार को आईबी की रिपोर्ट मिलती होगी, जिससे उन्हें सुरक्षा दी जा रही है।
इससे पूर्व धीरेन्द्र शास्त्री गुरुवार रात अब्रामा के गोपीन फार्म में रुके। यहां बाबा की एक झलक पाने के लिए लोगों में गजब की आपाधापी मची रही।
एक ओर लोग बागेश्वरधाम के झंडे हाथों में लिए रामनाम का जयकारा लगा रहे हैं तो दूसरी ओर पोस्टर-बैनर फाड़ने की घटना से तनाव भी फैल गया। हालांकि आयोजक इसे सामान्य घटना बताते हुए कतिपय लोगों की साजिश बताते हैं।
बताया गया कि कुछ असंतुष्ट लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए घटना को अंजाम दिया। दूसरी ओर लिंबायत में पुलिस ने जबर्दस्त सुरक्षा व्यवस्था की है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। लोगों की भीड़ उमड़ने पर किसी तरह की अनहोनी ना हो, इसकी भी पूर्व तैयारी की गई है। कार्यक्रम स्थल का सुबह से ही पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारी मुआयना कर रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए 2 डीसीपी, 4 एसीपी, 400 पुलिस जवान, 14 पीआई, 30 पीएसआई, 680 होमगार्ड जवान समेत ट्रैफिक ब्रिगेड को तैनात किया गया है।
पिछले 2-3 दिनों के दौरान लिंबायत समेत पूरे शहर में जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें बाबा के दरबार के कार्यक्रम की जानकारी है। इसी दौरान लिंबायत पुलिस थाने के करीब 700 से 800 मीटर दूर और कार्यक्रम स्थल से करीब 1 किलोमीटर दूर के बैनर को विरोधियों ने फाड़ दिए। आयोजकों ने इसकी निंदा की है। लिंबायत ग्राउंड में दो लाख से अधिक लोगों के इकट्ठा होने का अनुमान है।