नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय ने रेलवे के किराए में बढ़ोत्तरी के लिए मंजूरी दे दी है. यह मामला लंबे समय से लंबित पड़ा हुआ है. यात्री किराये में वृद्धि इस वर्ष के अंत तक लागू की जा सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में अप्रैल के अंत में बुनियादी ढांचा मंत्रालय की एक बैठक के बाद इस कदम पर काम करने के लिए संकेत दिए गए थे. बैठक में रेलवे की स्थिति की समीक्षा की गई थी. पीएमओ द्वारा जारी ट्रांसपोर्टर के लिए एक्शनेबल प्वाइंट्स में एक यात्री किराये में वृद्धि को लागू करना था.
इस कदम के लिए रेलवे द्वारा समयसीमा तय कर दी गई थी, जो सितंबर 2017 है. रेलवे के किराये में बढ़ोतरी करने पर राजनीतिक विरोध होने का डर है और राजनीतिक आकाओं से इस पर ग्रीन सिग्नल पाना हमेशा से रेल मंत्रालय के अधिकारियों के लिए एक चुनौती रहा है, खासतौर पर यूपीए सरकार के दौरान. नतीजतन, रेलवे इस कदम पर चुप्पी साध रखी है और जब तक इस कदम की घोषणा नहीं हो जाती वे आधिकारिक तौर पर इस बात से इनकार कर रहे हैं. अप्रैल की समीक्षा बैठक के दस्तावेज बताते हैं कि इस समय, समय-समय पर किराया बढ़ाने की आवश्यकता पर सहमति बनी है. इस कदम को निश्चित तौर पर मील का पत्थर माना जा रहा है. बैठक में रेलवे को कस्टमर एक्सपीरियंस को बढ़ाने साथ ही कुशल और सुरक्षित यात्रा प्रदान करने के लिए कोर ऑपरेशन्स पर ध्यान देने की बात कही गई है. वर्तमान में रेलवे यात्रियों सेवाओं से महज 57 फीसद और उपनगरीय सेवाओं से करीब 37 फीसद खर्च ही निकाल पा रही है. रेलवे को सिर्फ थर्ड एसी से ही लाभ मिल रहा है, लेकिन क्लास से होने वाले नुकसान की वजह से यह लाभ भी न्यूट्रलाइज हो रहा है.