विशेष
-राजस्थान और मध्यप्रदेश में जीत से भाजपा खेमे में पैदा होगा नया उत्साह
-कांग्रेस को सत्ता में वापस आने के लिए करना पड़ सकता है लंबा इंतजार
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को अगले साल होनेवाले लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इन पांच राज्यों में मतदान खत्म होने के बाद विभिन्न एजेंसियों द्वारा किये गये एग्जिट पोल के नतीजों में सब कुछ गोलमोल है। कुछ भाजपा, तो कुछ अन्य कांग्रेस को उत्साहति करनेवाले हैं। कुल मिला कर तस्वीर साफ नहीं है। दूसरे शब्दों में कहा जाये तो इस एग्जिट पोल से फाइनल मुकाबले के दोनों प्रमुख खिलाड़ियों के लिए चेतावनी संदेश ही निकलते हैं। हालांकि एग्जिट पोल के नतीजों के अनुरूप यदि भाजपा मध्यप्रदेश और राजस्थान में चुनाव जीतती है, तो यह लोकसभा चुनाव में उसके लिए एनर्जी टॉनिक का काम करेगा। दूसरी तरफ यदि कांग्रेस ने तेलंगाना पर कब्जा जमाया, जैसा कि एग्जिट पोल दावा कर रहे हैं, तो दक्षिण में उसके पैर बेहद मजबूत होंगे, लेकिन फिर भी देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी को सत्ता में वापस आने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि इस तरह के एग्जिट पोल की विश्वसनीयता हमेशा से संदेह के घेरे में रही है, लेकिन इनसे देश के सियासी मिजाज का संकेत तो मिलता ही है। इसलिए पांच राज्यों के एग्जिट पोल के नतीजों से यह निष्कर्ष तो निकाला ही जा सकता है कि 2024 का आम चुनाव बेहद रोमांचक होनेवाला है। क्या हैं राज्यों के एग्जिट पोल के नतीजे और इससे 2024 के लिए क्या संकेत मिलता है, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।
भारत की राजनीति का वर्ल्ड कप यानी कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल मैच खत्म हो चुका है। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव को 2024 का सेमीफाइनल माना जा रहा है और अब इन पांच राज्यों में मतदान भी हो चुका है और मतदान के आधार पर एग्जिट पोल भी सामने आ चुके हैं। देश के लगभग सभी बड़े एग्जिट पोल की मानें, तो पांच में दो राज्यों में भाजपा और दो में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है। एक में क्षेत्रीय दल सबसे बड़ी पार्टी की ओर बढ़ती दिख रही है। एग्जिट पोल के मुताबिक तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है, जबकि हिंदी पट्टी के दो बड़े राज्यों, राजस्थान और मध्यप्रदेश में भाजपा की जीत लगभग तय है। मिजोरम में कांग्रेस को फायदा मिलता दिख रहा है। यहां यह जानना दिलचस्प है कि यदि एग्जिट पोल के अनुरूप ही नतीजे आये, तो कांग्रेस को राजस्थान का नुकसान होगा, जबकि तेलंगाना जीत कर वह दक्षिण में अपनी स्थिति मजबूत करेगी। दूसरी तरफ भाजपा को दो राज्यों में जीत से काफी मजबूती मिलेगी। लेकिन यह जानना भी दिलचस्प है कि अगर ये एग्जिट पोल सही साबित होते हैं, तो 2024 के लोकसभा चुनाव पर क्या असर पड़ सकता है। इसके लिए यह जानना जरूरी है कि पांच राज्यों के एग्जिट पोल में क्या कहा गया है।
मध्यप्रदेश में कड़ा मुकाबला, पर भाजपा मजबूत
मध्यप्रदेश में 230 सीटों पर चुनाव हुए हैं और बड़ी एजेंसियों के एग्जिट पोल में कहीं भाजपा तो कहीं कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है। सी-वोटर के अनुसार कांग्रेस सरकार बनाती दिख रही है। कांग्रेस को 113-137 सीटें, भाजपा को 88-112 और अन्य को 1-6 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं टुडेज चाणक्य के हिसाब से भाजपा को पूर्ण बहुमत मिल सकता है। भाजपा को 139-163 और कांग्रेस 62-86 सीट मिल सकती है। राज्य में आठ एजेंसियों ने एग्जिट पोल किये। इन सभी का औसत निकालने पर पता चलता है कि भाजपा 113 से 128 सीटों के साथ बहुमत का आंकड़ा पार करती दिख रही है, वहीं कांग्रेस 97 से 112 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर दिख रही है। साथ ही अन्य के खाते में एक से छह सीटें जाती दिख रही हैं। यदि साल 2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम की बात की जाये, तो उस वक्त 230 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 109 सीटें, कांग्रेस को 114 सीटें, बसपा को दो सीटें और अन्य के खाते में पांच सीटें गयी थीं। कांग्रेस ने 114 सीटों के साथ सरकार बनायी थी। हालांकि बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से अलग होने के बाद सरकार गिर गयी थी और दोबारा शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनी थी।
राजस्थान में भाजपा की वापसी
तमाम एजेंसियों के एग्जिट पोल बता रहे हैं कि राजस्थान में राज बदलने का रिवाज फिर कायम होता दिख रहा है। वहां 1998 के बाद से, यानी 25 सालों में, किसी भी राजनीतिक दल ने सत्ता में वापसी नहीं की है और इस बार भी कांग्रेस सत्ता में वापसी नहीं कर रही है। एग्जिट पोल का औसत निकालने पर भाजपा सरकार बनाती दिख रही है। सात एग्जिट पोल में भाजपा को 97 से 112, कांग्रेस को 76 से 91 और अन्य के खाते में 11 से 16 सीट जाती दिख रही है। अब सवाल है कि इस एग्जिट पोल का मतलब क्या है? अगर ये एग्जिट पोल सही साबित होते हैं, तो इससे साफ हो जायेगा कि कांग्रेस के पायलट और ‘जादूगर’ की लड़ाई में कांग्रेस की उड़ान क्रैश हो रही है। मतलब सचिन पायलट और अशोक गहलोत की लड़ाई का कांग्रेस को नुकसान हुआ है। यह नुकसान इतना बड़ा रहा कि अशोक गहलोत की सरकारी योजनाओं ने भी पैराशूट का काम नहीं किया। इसके अलावा अगर अन्य की सीटों पर नजर डालें, तो ये गेम चेंजर साबित हो सकते हैं।
एक और बात गौर करने की है कि राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं। 2019 के चुनाव में भाजपा ने 25 में से 24 सीटों पर जीत हासिल की थी। यह तब हुआ था, जब वहां कांग्रेस ने सरकार बनायी थी। 2018 में 74.06% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। तब कांग्रेस ने 40.64% वोट शेयर के साथ एक सौ सीटों पर कब्जा जमाया था, तो भाजपा के खाते में 73 सीटें आयी थीं और उसका वोट शेयर 39.08% था।छत्तीसगढ़ में भाजपा को फायदा, लेकिन सरकार कांग्रेस की
बड़े एग्जिट पोल की मानें, तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सीटों का नुकसान होता दिख रहा है, लेकिन भूपेश बघेल की सरकार को कोई खतरा नहीं है। भाजपा की सीटों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। 10 एग्जिट पोल का औसत देखें, तो भाजपा को 30 से 38 और कांग्रेस को 40 से 48 सीटें मिलती दिख रही हैं।
तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार, बीआरएस को झटका
तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के एग्जिट पोल चौंकाने वाले हैं। पहली बार तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है। सीएम चंद्रशेखर राव की पार्टी बीआरएस पिछड़ सकती है। वहीं एग्जिट पोल के मुताबिक भाजपा को भी फायदा होता दिख रहा है और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम की सीट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं है। सभी एग्जिट पोल ने अनुमान लगाया है कि नौ साल सत्ता में रहने वाली बीआरएस 48 से 58 सीटें ला सकती है, वहीं, कांग्रेस 49 से 56 सीट ला सकती है। एआइएमआइएम को सात सीटें मिल सकती हैं, लेकिन भाजपा को फायदा होता दिख रहा है। पिछले चुनाव में भाजपा को एक सीट मिली थी, जबकि इस बार पांच से सात सीटें मिल सकती हैं। 2018 के तेलंगाना चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब बीआरएस) ने 88 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस ने 19 सीटें जीती थीं।
मिजोरम में त्रिशंकु विधानसभा
तमाम एग्जिट पोल के अनुसार मिजोरम में 40 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस को बड़ा फायदा होता दिख रहा है। वहां त्रिशंकु विधानसभा का अनुमान जताया गया है। मिजोरम में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट, जोरम पीपुल्स मूवमेंट और कांग्रेस के बीच टक्कर देखने को मिल रही है। इस बार कांग्रेस को दो से आठ सीटें मिलती दिख रही है। वहीं एमएनएफ को पांच से 10 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। एमएनएफ को 15 से 21 सीटें मिल सकती हैं। जोरम पीपुल्स मूवमेंट को बड़ा फायदा होता दिख रहा है। वह 12 से 18 सीटें ला सकता है। मतलब सरकार बनाने में कांग्रेस की अहम भूमिका हो सकती है।
इस एग्जिट पोल का मतलब क्या है
अब बात करते हैं कि इन एग्जिट पोल के मायने क्या हैं। अगर इन पांच राज्यों के एग्जिट पोल को देखा जाये, तो फिलहाल भारत ‘कांग्रेस मुक्त’ होता नहीं दिख रहा है। कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में जीत के बाद एक बार फिर कांग्रेस कम से कम दो राज्यों में सरकार बनाती दिख रही है। वहीं भाजपा मध्य ा्रदेश में वापसी कर सकती है, साथ ही राजस्थान में मजबूत होती दिख रही है। इसका सीधा मतलब है कि हिंदी पट्टी में भाजपा और पीएम मोदी का जलवा बरकरार है। इसके उलट दक्षिण में कांग्रेस मजबूती के साथ उभर रही है। जिन पांच राज्यों में चुनाव हुए हैं, उनमें कुल 83 लोकसभा सीटें हैं। इनमें से तीन राज्यों को हिंदी पट्टी वाला राज्य माना जाता है। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की बात करें, तो इन तीन राज्यों में कुल 65 सीटें हैं। फिलहाल इन 83 में से 65 सीटों पर भाजपा का कब्जा है। वहीं कांग्रेस के पास छह लोकसभा सीटें हैं। कुल मिला कर कहा जा सकता है कि लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के लिए भाजपा को कड़ी मेहनत करनी होगी, हालांकि उसकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आयी है। दूसरी तरफ इन एग्जिट पोल से साफ पता चलता है कि कांग्रेस को अपनी वापसी के लिए फिलहाल तो इंतजार ही करना होगा। हालांकि ये एग्जिट पोल कितने सही साबित होंगे, यह 3 दिसंबर को ही पता चल सकेगा।
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