रांची। आदिवासी सेना और झापा एनोस के कार्यकर्ता 25 फरवरी को झामुमो का दामन थामेंगे। कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में सीएम चंपाई सोरेन की उपस्थिति में रांची, खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला के नेता-कार्यकर्ता सदस्यता ग्रहण करेंगे। आदिवासी सेवा के महासचिव अलबिन लकड़ा, सचिव विकास तिर्की और झारखंड पार्टी की केंद्रीय प्रवक्ता अंशु लकड़ा ने पत्रकारों से बातचीत में शुक्रवार को उक्त जानकारी दी।
झापा की प्रवक्ता अंशु लकड़ा ने कहा कि हेमंत सोरेन एक ऐसे युवा नेता के रूप में उभरे हैं, जिन्होंने अपनी कुर्सी की बलि देना उचित समझा, लेकिन भाजपा के आगे घुटने नहीं टेके। झारखंड के आदिवासी-मूलवासी, दलित और पिछड़ा वर्ग आगामी चुनाव में इसका जवाब देंगे।
भाजपा ने सबसे अधिक शासन किया
आदिवासी सेना के अरविंद लकड़ा ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन के आंदोलन और सैकड़ों लोगों की शहादत के बाद झारखंड राज्य का गठन हुआ। राज्य गठन के बाद भाजपा ने यहां सबसे अधिक शासन किया। इस दौरान झारखंड में आदिवासी-मूलवासी का हक और अधिकार छीना गया है। जमीन को लूटा गया और खनिज संपदा का सौदा किया गया।
हेमंत के साथ हैं कार्यकर्ता
विकास तिर्की ने कहा कि झारखंड को असली पहचान झारखंड मुक्ति मोर्चा ही दिलवा सकती है। इसका बीड़ा हेमंत सोरेन ने उठाया है। इस मौके पर अमरनाथ लकड़ा, योगेश भगत, बच्चन उरांव सहित कई युवा उपस्थित रहे।