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    Home»राजनीति»तीन बार से लगातार विधायक ढुल्लू महतो को केन्द्र की राजनीति करने का मौका
    राजनीति

    तीन बार से लगातार विधायक ढुल्लू महतो को केन्द्र की राजनीति करने का मौका

    adminBy adminMarch 25, 2024No Comments3 Mins Read
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     रांची। तमाम कयासों के बीच आखिरकार बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो को भाजपा ने धनबाद लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। ढुल्लू महतो को कोयलांचल के लोग टाइगर ढुल्लू के नाम से भी जानते हैं। बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो ने मजदूर से विधायक तक का सफर तय किया है। इस दौरान वो लगातार जनता के दिलों में छाए रहे। आमलोगों के बीच उनकी प्रसिद्धि बढ़ती रही। इसी का नतीजा है कि भाजपा ने उन्हें धनबाद जैसी प्रतिष्ठित सीट से उम्मीदवार बनाया है।

     

    ढुल्लू महतो के राजनीति में कदम रखने का विषय काफी दिलचस्प है। क्योंकि, यह राजनीति उन्हें विरासत में नहीं मिली है। मजदूरों के अधिकार की लड़ाई के बदौलत आज वह इस मुकाम पर खड़े हैं। ढुल्लू महतो का जन्म 12 मई, 1975 को हुआ। बाघमारा का चिटाही उनका पैतृक गांव है। उनके पिता का नाम पूना महतो और माता का नाम रुकवा महताइन है। ढुल्लू महतो 12वीं पास हैं। उनके पिता महेशपुर कोलियरी में मजदूर के रूप में कार्यरत थे। उनकी शादी बोकारो जिले की रहने वाली सावित्री देवी से हुई। भाइयों में ढुल्लू महतो सबसे छोटे हैं।

     

    ढुल्लू महतो की प्रारंभिक शिक्षा उत्क्रमित मध्य विद्यालय तुंडू से हुई। कतरास डीएवी इंटर कोलज से इंटर की पढ़ाई पूरी की। आर्थिक कठिनाई के कारण उन्हें पढ़ाई बीच में ही ड्रॉप करनी पड़ी। पढ़ाई छोड़ने के बाद वह सेल जोगीडीह कोलियरी में काम करने लगे। उन दिनों मजदूरों को काफी प्रताड़ित किया जा रहा था। मजदूरों की प्रताड़ना उनसे बर्दाश्त नहीं हुई। इसके बाद ढुल्लू महतो मजदूरों के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ने लगे। देखते ही देखते मजदूरों के दिलों में वह राज करने लगे। मजदूरों की लड़ाई में उन्हें इज्जत और शोहरत मिलना शुरू हो गया। वह लगातार आम लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को दूर करने लगे।

     

    साल 1999 में वरिष्ठ नेता समरेश सिंह से उनकी मुलाकात हुई। समरेश सिंह, ढुल्लू महतो के कार्यों से बेहद प्रभावित थे। समरेश सिंह ने ही साल 2000 में ढुल्लू महतो को टाइगर की उपाधि दी थी। इसके बाद उन्होंने टाइगर फोर्स नामक संस्था का गठन किया। इस संगठन की गूंज कोयलांचल ही नहीं पूरे राज्य में गूंजने लगी। साल 2009 में उन दिनों झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने ढुल्लू महतो को अपनी पार्टी से बाघमारा विधानसभा का टिकट दिया। 56026 मतों से उन्होंने जीत हासिल की। निकटतम प्रतिद्वंदी जलेश्वर महतो को महज 36606 मतों से ही संतुष्ट करना पड़ा। इस तरह वह बाघमारा विधानसभा से पहली बार जीत हासिल की।

     

    साल 2014 में भाजपा ने ढुल्लू महतो पर अपना विश्वास जताया। बाघमारा विधानसभा से भाजपा ने टिकट देकर अपना उम्मीदवार बनाया। ढुल्लू महतो भी भाजपा की उम्मीदों पर खरे उतरे। इस बार पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 86603 मत विधानसभा चुनाव में हासिल कर बाघमारा में कमल खिलाने का काम किया। फिर से निकटतम प्रतिद्वंदी जलेश्वर महतो को हार का सामना करना पड़ा। साल 2019 में फिर से भाजपा ने ढुल्लू महतो को बाघमारा विधानसभा से टिकट दिया। इस बार भी उन्होंने जीत हासिल की। हालांकि, इस बार मुकाबला कांटे का रहा। उन्हें 824 मतों के मामूली अंतर से जीत हासिल हुई।

     

    ढुल्लू महतो का जीवन काफी संघर्षमय रहा। इस दौरान उनके ऊपर कई आरोप भी लगे, जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा लेकिन वह बेहद दृढ़ता और निष्ठा के साथ खड़े रहे।

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