रांची। 13वें वित्त आयोग भारत सरकार द्वारा आवंटित सहायता अनुदान राशि से प्रखंड वन निर्माण के लिए आवंटित राशि का अभी तक पूरा हिसाब नहीं मिल पाया है। भारत सरकार ने 31 मार्च 2024 तक लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने की अंतिम समय सीमा तय की थी। झारखंड सरकार को इस संंबंध में पत्र भी लिखा गया था।
वित्त विभाग ने इसके बाद ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कल्याण विभाग, श्रम विभाग, वन पर्यावरण विभाग समेत अन्य विभागों को पत्र लिखकर लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र का हिसाब देने को कहा है।
मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग सहित अन्य विभागों ने अपने संबंधित कार्यालय को हिसाब देने के लिए पत्र भी लिखा था। सिर्फ ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के जरिये 2011-12 से 2014-15 के बीच करीब 242.84 करोड़ रुपये ब्लॉक बिल्डिंग निर्माण की राशि दी गयी थी। इस राशि का कई बार हिसाब मांगा गया है, लेकिन अभी भी बड़ी राशि का हिसाब पेंडिंग है। ग्रामीण विकास फिर से उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कराने की दिशा में कार्रवाई कर रहा है। इसके बाद जानकारी वित्त विभाग को दी जायेगी। जानकारी मिलने के बाद वित्त विभाग इसे केंद्र को भेजेगा।