रांची। राज्य के सभी जिला के मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद अब तक रिक्त हैं। हाइकोर्ट के आदेश के बाद भी सालों से कार्यरत शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं दी जा रही है। इसमें रांची जिला में 294 प्रधानाध्यापक के पद खाली हैं, जबकि नवंबर 2023 में ही स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग ने राजकीयकृत स्कूलों में के शिक्षकों को विभिन्न ग्रेडों में प्रोन्नति के लिए मार्गदर्शन जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिया था। इस संबध में हाइकोर्ट की ओर से भी आदेश दिया गया है। जानकारी हो कि राज्य में साल 2000 से कार्यरत शिक्षकों को अब तक ग्रेड के अनुसार प्रोन्नति नहीं दी गयी है, जबकि डीइओ रांची की ओर से हाइकोर्ट को दिये शपथपत्र में बताया गया है कि विज्ञान प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों की उपलब्ध पद 2014 से है। ग्रेड 4 से प्रोन्नति दी जा सकती है। इसके बाद पांच सालों के सेवा के बाद शिक्षकों को ग्रेड सात में प्रोन्नति देनी होगी।
क्या है हाइकोर्ट का आदेश
इस सबंध में झारखंड हाइकोर्ट ने आदेश दिया है कि पदों के उपलब्धता के आधार पर ग्रेड 4 प्राप्त शिक्षकों को पूर्व तिथि प्रभाव से प्रोन्नति दी जाये। 1993 नियमावली के अनुसार पांच वर्षों की सेवा के बाद ग्रेड 7 में प्रोन्नति दिये जाने का आदेश दिया गया। इस संबध में कोर्ट ने साल 2022 में आदेश दिया। इसके बाद भी राज्य में आदेश की अवहेलना की गयी। झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा की मानें तो रांची में रिक्ति 294 के विरुद्ध मात्र 232 शिक्षकों की सूची जारी की गयी, जिससे प्रोन्नति दिये जाने के पश्चात भी पद रिक्त रह जायेंगे। 1993 नियमावली का अनदेखी करते हुए जिला स्थापना समिति ने मात्र 39 शिक्षकों का ग्रेड 7 में प्रोन्नति की अनुशंसा की।