रांची। झारखण्ड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ अपने प्रस्तावित आंदोलन वादा निभाओ, स्थाई करो कार्यक्रम अंतर्गत 18 जुलाई से 20 जुलाई तक सांकेतिक हड़ताल तथा 22 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व माननीय मुख्यमंत्री संविदा संवाद कार्यक्रम में आकर मनरेगा कर्मियों की सेवा स्थाई करने का पत्रकारों के समक्ष खुले मंच से वादा किया था।
प्रस्तावित हड़ताल की सूचना झारखण्ड सरकार के मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, प्रधान सचिव तथा मनरेगा अयुक्त को 20 दिन पूर्व में ही दे दी गई थी। उक्त कार्यक्रम अंतर्गत दो जुलाई को मुख्यमंत्री मंत्री आवास घेराव, 8 को जेएमएम के केंद्रीय कार्यालय का घेराव, 10 को सभी जिला मुख्यालयों का घेराव के माध्यम से भी सेवा स्थाई करण सहित लंबित मांगों की पूर्ति हेतु माननीय मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया। परन्तु सरकार के द्वारा न तो संघ से वार्ता की गई और न ही स्थाई करण की मांगों पर कोई पहल किया गया। बाध्य होकर प्रस्तावित तिथि से मांग की पूर्ति तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।
लगभग 6 हजार कर्मियों के हड़ताल से मनरेगा अंतर्गत बिरसा सिचाई संवर्धन कूप, बिरसा हरित आम बागवानी, अबुआ आवास, वीर पोटो हो खेल मैदान सहित महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित होगा। इस हड़ताल से लगभग 250000 मजदूरों का मजदूरी भुगतान भी प्रभावित होगा ।