Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Saturday, June 14
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Top Story»भाजपा की निर्वाचन आयोग से मांग, मतदाताओं की अप्रत्याशित वृद्धि की कराये जांच
    Top Story

    भाजपा की निर्वाचन आयोग से मांग, मतदाताओं की अप्रत्याशित वृद्धि की कराये जांच

    shivam kumarBy shivam kumarJuly 16, 2024Updated:July 16, 2024No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    रांची। प्रदेश भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने आकंड़ा उपलब्ध कराकर मतदाताओं की अप्रत्याशित वृद्धि की जांच कराने की मांग की। प्रदेश भाजपा की टीम ने विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की अप्रत्याशित वृद्धि के संदर्भ में गहन अध्ययन किया है। इस दौरान टीम ने पाया कि विधानसभा चुनाव 2019 की मतदाता सूची की तुलना में लोकसभा चुनाव 2024 की मतदाता सूची में कई बूथों पर मतदाताओं की संख्या में 20 से 123 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, जो चिंताजनक है।

    मुस्लिम बहुल क्षेत्र में 20 से 123 फीसदी तक की वृद्धि
    भाजपा की टीम ने 10 विधानसभा क्षेत्रों का गहन अध्ययन किया है। इस अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया कि पांच वर्षों में मतदाताओं की संख्याअमूमन 15 से 17 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने 22 जनवरी, 2024 को मतदाता सूची के संबंध में जारी प्रेस नोट में भी इसी वृद्धि दर को स्वीकार किया है। जबकि हिंदू बहुल क्षेत्रों में यह वृद्धि 8 से 10 प्रतिशत तक रहती है। लेकिन अल्पसंख्यक (विशेष कर मुस्लिम) क्षेत्रों में यह वृद्धि 20 से लेकर 123 प्रतिशत है।

    भाजपा की टीम के फैक्ट फाइनडिंग
    भाजपा की टीम ने पाया कि राजमहल के 383 बूथों पर 20% से 123।74% तक वोटर्स बढ़ गये हैं। इसी तरह बरहेट के अलग-अलग बूथों पर 20 से 57।72% तक, पाकुड़ में 20 से 64।23%, महेशपुर में 20 से 41।02%, जामताड़ा में 20 से 68।85%, मधुपुर में 20 से 117।62%, मंझगांव में 20 से 86।11%, हटिया में 20 से 136।58%, बिशुनपुर में 20 से 48।87% और लोहरदगा में 20 से 86।43% तक वोटर्स की संख्या बढ़ी है। टीम ने बताया है कि मतदाता सूची का अध्ययन करने से यह स्पष्ट होता है कि अल्पसंख्यक समुदाय वाले कई बूथों पर मतदाताओं की संख्या में 123 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, वहीं बहुसंख्यक समाज के बूथों पर 5 से 10 प्रतिशत तक मतदाता बढ़े हैं। यहां तक की कई हिंदू बहुल बूथों पर मतदाता घटे हैं।

    झारखंड के अतिसंवेदनशील बूथों की कराये जांच
    इन 10 विधानसभा क्षेत्रों के कई बूथों का उदाहरण है, जिसमें अप्रत्याशित रूप से वृद्धि दर्ज की गयी है। एक सोची समझी योजना के तहत डेमोग्राफी बदलने का षडयंत्र है। इसमें कहीं न कहीं विदेशी घुसपैठियां, जो वर्तमान में राज्य सरकार के सह पर प्रशासनिक अफसरों पर दबाव डालकर मतदाता सूची में नाम अंकित करा रहे हैं। इनके लिए अवैध रूप से अन्य जरूरी प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराया गया है, ताकि इनका नाम मतदाता सूची में दर्ज हो पाये। ऐसे में झारखंड के अतिसंवेदनशील बूथों की जांच करायी जानी चाहिए।

    साजिश कर मतदाताओं के नाम किये गये डिलिट
    मतदाता सूची का गहन अध्ययन करने पर यह बात सामने आयी है कि राज्य सरकार के पदाधिकारियों ने एक साजिश के तहत बहुसंख्यक समाज के बूथों पर मतदाताओं के नाम डिलिट कर दिये, जो हजारों की संख्या में है। इसकी वजह से ये मतदाता वोट डालने से वंचित रह गये। यह एक गंभीर मामला है। वोट से वंचित होने वाले मतदाताओं में वैसे मतदाताओं की भी बड़ी संख्या है, जो वर्षों से वोट डालते आ रहे हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव-2024 में वोट नहीं डाल सके, क्योंकि मतदाता सूची में उनका नाम नहीं था। जबकि उनके पास आज भी मतदाता पहचान पत्र उपलब्ध है, यह भी जांच का विषय है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleप्रेम प्रकाश को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से बेल नहीं, अगली सुनवाई सितंबर में
    Next Article मनरेगा कर्मी 22 जुलाई से जाएंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
    shivam kumar

      Related Posts

      सड़क हादसे में दो की मौत

      June 14, 2025

      स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी का जनता दरबार 17 को

      June 14, 2025

      पटमदा में आवारा कुत्तों का आतंक जारी, अब तक 20 से अधिक लोग घायल

      June 14, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • प्रधानमंत्री कनाडा में जी7 सम्मेलन में लेंगे भाग, साइप्रस और क्रोएशिया भी जाएंगे
      • सड़क हादसे में दो की मौत
      • स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी का जनता दरबार 17 को
      • पटमदा में आवारा कुत्तों का आतंक जारी, अब तक 20 से अधिक लोग घायल
      • पुलिस ने 50 लाख का गांजा किया बरामद, एक गिरफ्तार
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version