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    Home»Jharkhand Top News»विदेश में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप पानेवालों की संख्या बढ़ायी जायेगी: हेमंत
    Jharkhand Top News

    विदेश में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप पानेवालों की संख्या बढ़ायी जायेगी: हेमंत

    SUNIL SINGHBy SUNIL SINGHSeptember 28, 2024No Comments6 Mins Read
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    यह रांची मुख्यालय से नहीं, गांव से चलनेवाली सरकार है
    795 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया
    3700 एकड़ सामुदायिक वन पट्टा का किया वितरण
    रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि हमारी सरकार अपने प्रयास से राज्यवासियों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ कर उन्हें सम्मान देने का कार्य कर रही है। आज यहां कल्याण विभाग सहित सभी विभाग के पदाधिकारी लगातार मेहनत कर रहे हैं। कल्याण विभाग बहुत बड़ा विभाग है, जो शहर से लेकर गांव तक लोगों का ध्यान रखता है। हमारे गरीब-गुरबा लोगों को कोई भी चीज बहुत आसानी से नहीं प्राप्त होती है। इनके लिए अब तक जो नीति निर्धारण हुए हैं, वे कारगर नहीं थे। पूर्व की सरकार में योजनाएं तो बनायी गयीं, लेकिन उसका लाभ गरीबों को नहीं मिल पाया है। हमारी सरकार ने लंबे समय तक इस बात को महसूस किया और यह हमें हमेशा से देखने को मिला है। हमारी सरकार ने जनहित की योजनाओं का रूप ऐसा बनाया है, ताकि सीधे आप सभी को उसका लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है और आज भी कहता हूं कि यह रांची हेडक्वार्टर से नहीं, गांव से चलने वाली सरकार है। राज्य में ऐसे भी गांव हैं, जहां के लोगों ने प्रखंड के अधिकारियों को नहीं देखा है, लेकिन अब समय बदल रहा है। अब प्रखंड कार्यालय और जिला से लेकर हेडक्वार्टर के पदाधिकारी पंचायत-पंचायत, गांव-गांव, घर-घर जाकर आपकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं और आपको राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दे रहे हैं। अब समय बदल गया है। मुख्यमंत्री शनिवार को हरिवंश टाना भगत इंडोर स्टेडियम, खेलगांव में आयोजित मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति स्वीकृति पत्र, शिलान्यास और परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे।

    पारदेशीय छात्रवृत्ति के लाभुक छात्रों की संख्या में होगी वृद्धि
    मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए युवा आये हैं। उन्हें स्वीकृति पत्र उपलब्ध कराया जा रहा है। युवा ही बतायें कि देश का कौन सा ऐसा राज्य है, जहां शत प्रतिशत स्कॉलरशिप पर विदेश में उच्च शिक्षा दी जा रही हो। इस राज्य के नौजवानों में उच्च शिक्षा के लिए इतनी उत्सुकता है, यह मुझे पता नहीं था। पहले हम लोगों ने छात्रों की संख्या को कम रखा, लेकिन बड़ी तादाद में बच्चे आने लगे। फिर इसकी संख्या बढ़ायी गयी। कई बच्चे पढ़ कर वापस आये। कइयों को वहीं रोजगार प्राप्त हो गया। अभी मंत्री जी ने आग्रह भी किया है कि इस बार अधिक आवेदन आये हैं। कई बच्चे उसमें शामिल नहीं हो पाये हैं। इसकी संख्या बढ़ाने की बात कही गयी है। निश्चित रूप से अगर हम 25 बच्चों को विदेश में शिक्षा के लिए भेज सकते हैं, तो एक सौ बच्चों को क्यों नहीं भेज सकते? इसमें नीति निर्धारण की आवश्यकता है। मैं इस पर गंभीरता से विचार करूंगा। इसके दायरे कहां-कहां तक ले जा सकते हैं, इस पर विचार कर ठोस निर्णय के साथ आगे बढ़ेंगे।

    सभी पात्र लोगों को मिला सर्वजन पेंशन योजना का लाभ
    मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार गठन के बाद कई चुनौतियां हमारे समक्ष रहीं। महत्वपूर्ण दो वर्ष तो कोरोना जैसी महामारी में गुजर गया। जब जीवन सामान्य होने लगा, तो आपके गांव, पंचायत में शिविर लगाकर जिला एवं प्रखंड के पदाधिकारियों द्वारा आपकी समस्याओं को सुनकर उसका निदान किया गया। अब गांव, पंचायत, टोला में ‘आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार’ कार्यक्रम के माध्यम से राज्य सरकार को गांव की असली सूचनाएं आने लगीं। समस्याएं कई हैं। गरीब-गुरबा के पास समस्या हमेशा मुंह बाये खड़ी रहती है। उन समस्याओं का एक-एक कर समाधान करना हमारी सरकार ने शुरू किया और इसके तहत पहला कदम ‘आपकी योजना-आपकी सरकार- आपके द्वार’ कार्यक्रम के माध्यम से राज्य के वृद्ध लोगों को बुढ़ापे की लाठी देने का काम किया। हर वृद्ध, विधवा महिला, दिव्यांग को पेंशन देने का काम हुआ। यह देश का पहला राज्य बना, जहां सभी जरूरतमंद को सर्वजन पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हमारी सरकार ने योजनाओं के नाम पर दलाली करने वाले बिचौलियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। अब कानून ऐसा बना है कि दलाल के पास जाने जाने की जरूरत नहीं है। लोग अगर 50 वर्ष के हो गये, तो आधार कार्ड लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी के पास जायें, तत्काल वृद्धा पेंशन का कार्ड बन जायेगा।

    राज्य की नारी शक्ति को सम्मान के साथ-साथ आर्थिक रूप से कर रहे हैं मजबूत
    मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत 18 वर्ष की उम्र पूरी कर चुकी हर बहन-माता को योजना का लाभ मिल रहा है। हमारी सरकार राज्य की नारी शक्ति को सम्मान देने के साथ-साथ आर्थिक रूप से मजबूत कर रही है। राज्य के नौजवानों को नौकरी देने के लिए कई प्रतियोगिता परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। राज्य के आदिवासी, मूलवासियों की हितों के लिए हमारी सरकार ने झारखंड विधानसभा से सरना धर्म कोड पारित कर केंद्र सरकार को भेजा, लेकिन उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। हमारी सरकार ने स्थानीय नीति बनायी। उस पर ग्रहण लगा दिया गया। हमारी सरकार ने महिलाओं को सम्मान दिया, बच्चों को नौकरी के लिए एग्जाम दिलाया। पूर्व की सरकारों ने ऐसा क्यों नहीं किया? सिर्फ झारखंड ही इस देश में ऐसा राज्य है, जहां हम गरीबों को रोटी, कपड़ा, मकान, बच्चों के शिक्षा के लिए ऐसा रास्ता खोलने का प्रयास कर रहे हैं जो भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा। आज राज्य के बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, उनके लिए हमारी सरकार ने गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना लागू की है। इस योजना का लाभ लेकर आप अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, सरकारी अधिकारी, वकील, पत्रकार इत्यादि बना सकते हैं। गुरुजी क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बिना कोई गारंटी के बैंक आपको 15 लाख रुपये तक शिक्षा ऋण उपलब्ध करायेगा।

    20 लाख परिवारों को देंगे पक्का मकान
    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से झारखंड के 20 लाख आवास विहीन परिवारों को अबुआ आवास योजना के तहत तीन कमरों का पक्का मकान उपलब्ध करा रही है। पूर्व की सरकारों ने राज्य के किसानों के साथ भी न्याय नहीं किया है। हमारी सरकार अब यहां के किसानों के दो लाख रुपये तक के कृषि ऋण को माफ करने का काम किया है। राज्य सरकार झारखंड के बिजली उपभोक्ताओं को 200 यूनिट बिजली मुफ्त उपलब्ध करा रही है, वहीं पुराने बिजली बिल को माफ भी किया गया है।

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