फेरीवालों और महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के बीच चल रही जंग फिलहाल मराठी वर्सेस उत्तर भारतियों की जंग में तब्दील होती जा रही है. संजय निरुपम जहां फेरीवालों के सहारे अपनी राजनीति कर रहे हैं तो वहीं एमएनएस मराठी मुद्दे को फिर से गरमा रही है. एमएनएस के लोग एक बार फिर उत्तर भारतियों और फेरीवालों को धमकाते मुंबई और आसपास नजर आए.
फेरीवालों ने जैसे ही कुछ एमएनएस कार्यकर्ताओं की पिटाई की महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के कार्यकर्ता एक बार फिर फेरीवालों और उत्तर भारतियों पर उग्र हो गए. एमएनएस ने साफ कर दिया जब तक फेरीवालों पर कानून नहीं बनेगा तब तक एमएनएस कानून हाथ में लेती रहेगी.
वहीं संजय निरुपम ने एक बार फिर कहा कि फेरीवाले किसी से कमजोर नहीं है और कोई भी उन्हें अपने तरीके से मारे-पीटे, ये सही नहीं है और वो खुद फेरीवालों के साथ खड़े रहेंगे. रही बात उनके ऊपर केस की तो वो पुलिस को जांच में सहयोग करेंगे. कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए जानबूझ कर इसे मराठी वर्सेस नान मराठी करने की कोशिश कर रहे हैं.
धीरे-धीरे फेरीवालों को एमएनएस स्टाइल में हटाने की जंग और भी तेज होने लगी है. अब इस जंग का स्वरूप मराठी वर्सेस नान मराठी बन गया है जिसे दूसरी पार्टियां भी भुनाने की कोशिश करेंगी.