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    Home»Top Story»ट्रैफिक सिग्नल को कमाई का जरिया बना रहा है परिवहन विभाग
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    ट्रैफिक सिग्नल को कमाई का जरिया बना रहा है परिवहन विभाग

    shivam kumarBy shivam kumarNovember 8, 2024No Comments3 Mins Read
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    अधिकांश चौक- चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लाइट्स में नंबरिंग नहीं दिखाया जा रहा है
    रांची। राजधानी रांची में ट्रैफिक सुव्यवस्थित ढंग से चलने के लिए चौक- चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लाइट लगाए गए हैं। लेकिन राजधानी वासियों के लिए यह एक मुसीबत का कारण बन रहा है। कारण यह कि ट्रैफिक सिग्नल लाइट ऑफ रहने, ट्रैफिक सिग्नल के खराब रहने पर भी वाहन चालकों के चालान काटे जा रहे हैं। सर्कुलर रोड स्थित जेल रोड चौक पर कई बार ट्रैफिक सिग्नल लाइट खराब रहती है, यहां सिग्नल पर ग्रीन एवं रेड लाइट अचानक ही तुरंत- तुरंत बदल जाते हैं। सुबह 6:00 से 7:00 के बीच जब राजधानी में 3-4 मुख्य चौक चौराहा को छोड़कर सारे सिग्नल ऑफ रहते हैं या पीले लाइट दिखाते हैं ऐसे समय में भी लोगों के चालान कट रहे हैं।

    यही नहीं वाहन चालकों के पास चालान भी उनके मोबाइल पर 5-6 महीने बाद आ रहे हैं। एक भुक्तभोगी ने बताया कि डेढ़ – दो महीने पहले उन्हें अपने अगस्त 2024 का एक चालान काटा था, उसका उन्होंने भुगतान भी कर दिया। फिर अचानक करमटोली चौक – न्यू मार्केट -किशोरगंज चौक मार्ग में नवंबर 2024 में उनके वाहन का जून 2024 का एक – एक हजार रुपए का चार चालान अलग – अलग तिथियां में सुबह 6:00 से लेकर 6:45 के बीच का उनके मोबाइल पर मैसेज कर भेज दिया गया है। पहले चालान घर में भेजा जाता था जिसमें इस बात की जानकारी और फोटो रहती थी कि उनकी रेड लाइट जंपिंग कहां हुई है या किस कारण से उनका चालान काटा है और किस चौक- चौराहे पर उनके वाहन का चालान काटा गया है उसका भी जिक्र रहता था।

    लेकिन अब केवल चालान का एक 1000 रुपए का चालान मोबाइल पर मैसेज कर छोड़ दिया गया है। सुबह 6:00 से 7:00 के बीच एक माह में चार-चार चालान कटना संदेह के घेरे में आता है। क्योंकि एक बार ही चालान काटने के बाद से ही अधिकांश लोग ट्रैफिक रूल के पालन को लेकर काफी सतर्क रहते हैं। प्रतीत होता है कि परिवहन विभाग का यह पैसा उगाही का एक धंधा बन गया है ताकि जरूरत पड़ने पर हाईकोर्ट में इसकी जानकारी दी जाए कि एक माह में इतने लोगों का चालान काटकर परिवहन विभाग ने ट्रैफिक नियमों का पालन कराया है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि अधिकांश चौक- चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लाइट्स में नंबरिंग नहीं दिखाया जा रहा है, इससे अचानक वाहन चालक रेड लाइट जंपिंग का शिकार हो जा रहे हैं।

    ट्रैफिक सिग्नल में नंबरिंग सिस्टम रहने से लोगों को पता चलता था कि अब सिग्नल पर कब ग्रीन सिग्नल होगा और वह आगे बढ़ सकेंगे लेकिन नंबरिंग सिस्टम नहीं होने से अचानक पीली सिग्नल और उसके 2 – 3 सेकंड बाद रेड सिग्नल हो जाने से अधिकांश लोग रेड लाइट जंपिंग का शिकार होकर परेशानी झेल रहे हैं। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि अत्यधिक ट्रैफिक लोड वाले चौक चौराहा मे ट्रैफिक सिगनलों पर मात्र 25 सेकंड ही ट्रैफिक लाइट को ग्रीन रखा जाता है। ऐसे में लोग तेजी से ट्रैफिक सिग्नल क्रॉस करने के चक्कर में रहते हैं जिससे कई बार दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। 25 सेकंड रहने से बाइक, स्कूटी सवार जैसे तैसे उस चौक चौराहे के पास करते हैं लेकिन कार, स्कूल बस, ट्रक आदि को इतने कम समय में पार करना काफी मुश्किल हो जाता है। उस क्रम में लोग अपने वाहन की गति को तेज कर देते हैं जिससे दुर्घटना होना लाजमी है।

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    shivam kumar

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