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    Home»दुनिया»अमेरिकी सांसद बनने वाले बुढाथोकी ने नेपाल के अपने पुराने दिनों को किया याद
    दुनिया

    अमेरिकी सांसद बनने वाले बुढाथोकी ने नेपाल के अपने पुराने दिनों को किया याद

    shivam kumarBy shivam kumarNovember 9, 2024No Comments3 Mins Read
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    काठमांडू। सात साल की उम्र में मजबूर होकर भूटान छोड़ी और नेपाल आकर शरणार्थी शिविर में रह कर पढ़ाई-लिखाई की और पुनर्वास योजना के तहत अमेरिका गए। वहां पर लगातार भूटानी शरणार्थियों के हित में आवाज उठाई। अमेरिकी संसद में शरणार्थी संबंधी समिति के सलाहकार बनने के बाद खुद चुनाव जीत कर सांसद बनने वाले सूरज बुढाथोकी की नेपाल में काफी चर्चा है।

    करीब 9 साल पहले नेपाल के भूटानी शरणार्थी शिविर से अमेरिका गए सूरज बुढाथोकी हाल में अमेरिका में संपन्न हुए चुनाव में संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के लिए न्यू हैंपशायर क्षेत्र से निर्वाचित हुए। न्यू हैंपशायर से डेमोक्रेटिक पार्टी से उम्मीदवार बने बुढाथोकी में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के कार्लोस गोंजालेज को सिर्फ 355 मतों के अंतर से हराया। अपनी जीत की खबर सुनते ही बुढाथोकी को नेपाल के शरणार्थी शिविर में बिताए 22 वर्षों की याद ताजा हो गई।

    बुढाथोकी शनिवार को टेक्सास से फोन पर बातचीत में नेपाल के झापा जिले में रहे शरणार्थी शिविर में सात साल की छोटी उम्र से अमेरिका पहुंचने तक के संघर्ष के दिन याद कर भावुक हो गए। उन्होंने स्मरण किया कि अचानक ही भूटान से नेपाली भाषियों को खदेड़ने पर कैसे अचानक अपना घर, आंगन, रिश्तेदार सबको छोड़ कर वहां से जान बचाकर भागना पड़ा था।

    बुढाथोकी ने बताया कि अपने माता-पिता के साथ लगातार दो दिनों तक पैदल चल कर वो पूर्वी नेपाल के झापा जिले में रहे शरणार्थी शिविर में पहुंचे थे। अपने बचपन को याद करते हुए आधा पेट खाना खा कर और मजदूरी करते हुए शिविर में अपना बाल्यकाल और किशोरावस्था को काटते हुए दसवीं की परीक्षा दी। वहीं पर नौकरी करते हुए उन्होंने ग्रेजुएशन भी किया और बाद में अमेरिकी सरकार के पुनर्वास योजना के तहत वो अमेरिका पहुंचे।

    बुढाथोकी न्यू हैम्पशायर से एक शरणार्थी कांग्रेस मानद प्रतिनिधि रहे। वह 2009 में एक पुनर्वास शरणार्थी के रूप में अमेरिका आए थे। सूरज एक छोटे व्यवसाय के मालिक हैं। इससे पहले उन्होंने न्यू हैम्पशायर में बिल्डिंग कम्युनिटी में अंतरिम कार्यकारी निदेशक के रूप में काम किया, जो पहले न्यू हैम्पशायर के भूटानी समुदाय थे। वह बीसीएनएच के संस्थापक सदस्य और समन्वित बाजार नेविगेशन और बीसीएनएच में न्यू अमेरिकन यूथ एंगेजमेंट प्रोजेक्ट पर भी कार्य कर चुके हैं। भूटान में उन्होंने मानवाधिकारों के लिए अंतरराष्ट्रीय अभियान में कार्यकारी निदेशक के रूप में काम किया।

    सूरज को 2014 और 2016 में अमेरिकन काउंसिल ऑफ यंग पॉलिटिकल लीडर्स के लिए नामित किया गया था। सूरज ने नॉर्विच विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मास्टर डिग्री हासिल की। फिलहाल वो कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से पीएचडी भी कर रहे हैं। सूरज बताते हैं कि वो लगातार निर्वासित भूटानी नागरिकों के अधिकारों की वकालत करते रहते हैं। इस बार डेमोक्रेटिक पार्टी के वे उम्मीदवार बनाए गए। उनके लोगों के सहयोग से चुनाव प्रचार में करीब पांच हजार डॉलर खर्च किए।

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    shivam kumar

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