रांची। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि इसाई धर्म में मतांतरण कर चुके कुछ लोग ‘कैथौलिक आदिवासी’ जैसे भ्रामक शब्दों का इस्तेमाल कर आदिवासी समाज को गुमराह करने की साजिश रच रहे हैं। पैसों और राजनीतिक स्वार्थ के लालच में मतांतरण कर इसाई बन चुके ये लोग सिर्फ आरक्षण का अनुचित लाभ उठाने के लिए खुद को आदिवासी बता रहे हैं। आदिवासी समाज को मिटाने का षड्यंत्र कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में आगे लिखा है कि कैथौलिक समुदाय ये स्पष्ट सुन लें कि उन्हें अपने धर्म का पालन करने की पूरी स्वतंत्रता है। लेकिन यदि लोभ, लालच, भय और साजिश के तहत आदिवासी समाज को मिटाने का षड्यंत्र किया गया, तो इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
आदिवासी समाज चर्च के फरमानों से नहीं चलेगा, बल्कि यह अपनी दिशा सनातन आस्था और सरना स्थल, मांझी थान और जाहेर थान जैसे पारंपरिक श्रद्धा केंद्रों से तय करेगा।
प्रशासन से आग्रह, कार्रवाई सुनिश्चित करें
झारखंड में अब जल्द ही आदिवासी समाज को संगठित कर विदेशी साजिशों को नाकाम करने का आंदोलन प्रारंभ किया जायेगा, ताकि अपनी सांस्कृतिक पहचान और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जा सके। साथ ही प्रशासन से भी अनुरोध है कि उक्त मामले का संज्ञान लेकर संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों के तहत आवश्यक कारवाई सुनिश्चित करें।