पूर्व बर्दवान। लोकसभा चुनाव में पूर्व बर्दवान ज़िले में तृणमूल कांग्रेस ने सफलता हासिल की थी, लेकिन शहरों के कई बूथों पर पार्टी कमजोर साबित हुई। खास तौर पर बर्दवान, काटवा, मेमारी, कालना, गुसुकरा और दाईहाट में कई बूथों पर पार्टी पिछड़ गई थी। इस स्थिति को देखते हुए पार्टी और उसकी सहयोगी संस्थाओं ने समीक्षा की जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि पार्षदों का ‘सेलिब्रिटी’ जैसा व्यवहार और वार्ड एवं बूथ स्तर के नेताओं का अनुशासनहीन रवैया पार्टी को कई शहरी बूथों पर ले डूबा।
पार्टी नेतृत्व ने तय किया है कि जिन नेताओं के पास जनसंपर्क की अच्छी पकड़ है और जो दिखावे से दूर रहे हैं, उन्हें आगे जिम्मेदारी दी जाएगी। वहीं, जिन पदाधिकारियों का प्रदर्शन कमजोर रहा, उन्हें हटाया जा सकता है। जिले के नेताओं को 29 अगस्त को कोलकाता बुलाया गया है, जहां वे अध्यक्ष, पार्टी अध्यक्ष और विधायकों के साथ बैठक करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, कुछ लोग पद पाने के लिए कार्यकर्ताओं को प्रभावित करने में लगे हुए हैं, लेकिन अब पार्टी इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए कदम उठाएगी। सहयोगी संस्थाओं का भी प्रदर्शन रिपोर्टों के आधार पर परखा जाएगा और सितंबर की शुरुआत में बूथ, वार्ड और ब्लॉक अध्यक्षों की नई सूची जारी हो सकती है। इसके अलावा, शाखा संगठनों में भी ब्लॉक स्तर पर बदलाव की संभावना है।
पार्टी का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में संगठन मजबूत है, लेकिन शहरी इलाकों में इसकी जड़ें कमजोर हैं। इसीलिए शहरों पर विशेष ध्यान देने की योजना बनाई गई है। कई ब्लॉकों में अध्यक्ष और विधायक के बीच विवाद की स्थिति बनी हुई है, जिसे सुधारने के प्रयास विफल रहे हैं। ऐसे मामलों में नेतृत्व सख्त कदम उठा सकता है। तृणमूल नेता देवु टुडू ने कहा कि सांगठनिक बदलाव पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी और जो निर्णय नेतृत्व लेगा, उसे सभी को मानना होगा।