नई दिल्ली। सुपर मार्केट्स के जरिये एफएमसीजी गुड्स, ग्रासरी, होम टेक्सटाइल, होम डेकर, कपड़े, खिलौने औरघर से जुड़ी चीजें
बेचने वाली कंपनी जय अंबे सुपर मार्केट्स के शेयरों की आज स्टॉक मार्केट में मामूली बढ़त के साथ एंट्री हुई। हालांकि लिस्टिंग के बाद लिवाली के सपोर्ट से शेयर के भाव में तेजी आ गई। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 78 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग सिर्फ 1.28 प्रतिशत प्रीमियम के साथ 79 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद हुई लिवाली के कारण थोड़ी ही देर में कंपनी के शेयर उछल कर 82.95 रुपये के अपर सर्किट लेवल तक पहुंच गए। इस तरह पहले दिन के कारोबार में कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 6.35 प्रतिशत का मुनाफा हो गया।
जय अंबे सुपरमार्केट्स का 18.45 करोड़ रुपये का आईपीओ 10 से 12 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से जोरदार रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 64.13 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 16.79 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं, नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 110.24 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 71.39 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 23,64,800 नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी तीन नए स्टोर्स के लिए फिट-आउट की खरीदारी करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 35 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 1.55 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 2.75 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 20 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 47.40 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी पर कर्ज में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 7.47 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में बढ़ कर 8.56 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज उछल कर 8.71 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।