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    Home»देश»प्रधानमंत्री ने जीएसटी सुधार को ‘बचत उत्सव’ बताया, भारतीयों के बचेंगे ढाई लाख करोड़ रुपये
    देश

    प्रधानमंत्री ने जीएसटी सुधार को ‘बचत उत्सव’ बताया, भारतीयों के बचेंगे ढाई लाख करोड़ रुपये

    shivam kumarBy shivam kumarSeptember 21, 2025No Comments5 Mins Read
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    नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कल से लागू होने वाले सुधारों को ‘बचत उत्सव’ बताते हुए आज कहा कि नागरिक देवो भव: की सोच पर आधारित ‘कर सुधारों’ से देश के लोगों के ढाई लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बचेंगे और आत्मनिर्भरता की दिशा में स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को गति मिलेगी।

    मोदी ने सोमवार को शारदीय नवरात्रि के साथ जीएसटी की नयी दरों के लागू होने की पूर्व संध्या पर रविवार शाम को राष्ट्र के नाम संदेश में त्योहारों के इस मौसम में “सबका मुंह मीठा करने वाले और देश के हर परिवार की खुशियां बढ़ाने वाले” जीएसटी के अगली पीढ़ी के सुधार लागू होने पर देश के कोटि-कोटि परिवारजनों को बधाई दी।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी सुधारों से रोजमर्रा की ज्यादातर जरूरत की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि ज्यादातर सामान अब 5 प्रतिशत के टैक्स दायरे में आएगा। इससे खाना-पीना और यहां तक कि घूमना-फिरना भी सस्ता हो जाएगा। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर स्वदेशी वस्तुओं की अपील करते हुए कहा कि देश के लोग भारत में बनी वस्तुओं को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए आत्मनिर्भर भारत बेहद जरूरी है।

    उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता को स्वदेशी के मंत्र से ताकत मिली। वैसे ही देश की समृद्धि को भी स्वदेशी के मंत्र से ही शक्ति मिलेगी। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में छोटे, मझोले एवं लघु उद्योगों (एमएसएमई) की भूमिका को रेखांकित किया और उन्हें देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ ही वैश्विक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि भारत के स्वर्णिम काल में भी इन्हीं उद्योगों ने भारत की साख बनाई थी। उन्हें भारत का वही गौरव वापस लौटना है।

    प्रधानमंत्री ने बताया कि किस तरह से जीएसटी आने से पहले देश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक सामान भेजना महंगा और कठिन होता था। बेंगलुरु से हैदराबाद सामग्री भेजने की बजाय बेंगलुरु से यूरोप और यूरोप से हैदराबाद भेजना ज्यादा आसान होता था। कई तरह के टैक्स जंजाल थे, जिसकी कीमत आखिरकार ग्राहक को उठानी पड़ती थी। उनकी सरकार ने आते ही सभी हितधारकों से बातचीत कर जीएसटी लाए और इसमें लगातार सुधार जारी है। उन्होंने राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने राज्यों में विनिर्माण गतिविधियों में तेज़ी लाकर आत्मनिर्भर भारत पहल और स्वदेशी कार्यक्रम का सक्रिय समर्थन करें। निवेश आकर्षित करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाने पर ध्यान केंद्रित करें।

    प्रधानमंत्री अपने भाषण की शुरूआत शक्ति की उपासना के पर्व नवरात्रि की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं से की और कहा कि नवरात्रि के पहले ही दिन से देश आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा रहा है।

    उन्होंने कहा कि 22 सितंबर की सुबह से देश में अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू हो जाएंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि इसके साथ ही पूरे देश में जीएसटी बचत उत्सव शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस उत्सव से लोगों की बचत बढ़ेगी और अपनी पसंद का सामान खरीदना आसान होगा। इससे गरीब, मध्यम वर्ग, नव मध्यम वर्ग, युवा, किसान, महिलाएं, दुकानदार, व्यापारी और उद्यमी सभी को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस त्योहार के मौसम में हर परिवार की खुशियां बढ़ेंगी और देशवासियों को जीएसटी बचत उत्सव की शुभकामनाएं दीं।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सुधार भारत की विकास यात्रा को गति देंगे, कारोबार को आसान बनाएंगे, निवेश को आकर्षक बनाएंगे और हर राज्य को विकास की दौड़ में बराबर का भागीदार बनाएंगे।

    प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि दशकों तक लोग और व्यापारी ऑक्ट्रॉय, एंट्री टैक्स, सेल्स टैक्स, एक्साइज, वैट, सर्विस टैक्स जैसे दर्जनों करों के जाल में फंसे रहते थे।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्थिति से देश को निकालना बहुत जरूरी था। इसलिए जब 2014 में उन्हें जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने जीएसटी को प्राथमिकता दी। सभी पक्षों से चर्चा की गई, और “एक राष्ट्र-एक टैक्स” का सपना साकार हुआ।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है। समय बदलने और देश की जरूरतें बढ़ने के साथ ही अगली पीढ़ी के सुधार जरूरी हो जाते हैं। इसी कारण अब नए जीएसटी सुधार लागू किए जा रहे हैं।

    उन्होंने बताया कि अब सिर्फ 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब रहेंगे। इसका मतलब है कि रोजमर्रा की ज्यादातर चीजें सस्ती होंगी। खाने-पीने का सामान, दवाइयाँ, साबुन, ब्रश, पेस्ट, स्वास्थ्य और जीवन बीमा जैसी सेवाएं या तो टैक्स-फ्री होंगी या केवल 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा। पहले 12 प्रतिशत टैक्स वाली लगभग सभी चीजें अब 5 प्रतिशत श्रेणी में आ गई हैं।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं और नव मध्यम वर्ग के रूप में देश की प्रगति में भूमिका निभा रहे हैं। अब जीएसटी में राहत से गरीब और नव मध्यम वर्ग को दोहरा फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि घर बनाना, टीवी-फ्रिज खरीदना, स्कूटर-बाइक-कार लेना सब सस्ता होगा। घूमना-फिरना भी आसान होगा।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की समृद्धि के समय एमएसएमई और कुटीर उद्योग देश की रीढ़ थे। भारत की मैन्युफैक्चरिंग और क्वालिटी दुनिया में पहचान रखती थी। हमें वह गौरव वापस पाना है। छोटे उद्योग जो भी बनाएं, वो हर कसौटी पर बेहतरीन होना चाहिए।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें मेड इन इंडिया सामान खरीदना चाहिए, जिसमें देश के युवाओं की मेहनत हो। हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाना है और हर दुकान को स्वदेशी से सजाना है। उन्होंने कहा कि गर्व से कहें “मैं स्वदेशी खरीदता हूं, मैं स्वदेशी बेचता हूं।” यही हर भारतीय का स्वभाव बनना चाहिए।

    अंत में प्रधानमंत्री ने नवरात्रि और जीएसटी बचत उत्सव की शुभकामनाएं दीं।

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