नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लद्दाख हिंसा में मारे गए फौजी त्सेवांग थरचिन के पिता के दर्द को बयां करते हुए केंद्र सरकार से मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में जिस तरह एक देशभक्त फौजी की जान ली गई, वह न केवल दुखद है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी हमला है।
राहुल गांधी ने मंगलवार को त्सेवांग थरचिन के पिता का एक वीडियो एक्स पर साझा करते हुए कहा कि पिता फौजी, बेटा भी फौजी, जिनके खून में देशभक्ति बसी है। फिर भी देश के वीर बेटे की गोली मारकर जान ले ली गयी, सिर्फ इसलिए क्योंकि वो लद्दाख और अपने अधिकार के लिए खड़ा था। उन्होंने केंद्र से मांग की कि इस घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
वीडियो में मारे गए त्सेवांग थरचिन के पिता ने कहा कि जब किसी पुलिस या एसपी का बच्चा मरता है, तब वह क्या सोचता है? जब किसी देसी या गरीब का बच्चा मरता है, तो क्या वह उतना ही महत्व रखता है? गरीब को मारना इन्हें आसान लगता है न? अगर खुद का बच्चा रोए तो क्या ये लोग उसी तरीके से सह सकते हैं? हमें सब पता है। मैंने खुद 32 साल की सर्विस की है और हर मुश्किल जगह पर ड्यूटी की है। मैंने चार बार उन इलाकों में ड्यूटी की है जहां पांच मुल्कों की पास में ही लगती हैं। इंडिया, चीन, पाकिस्तान, रूस और अफगानिस्तान। इन जगहों पर मैंने ड्यूटी की है, जहां तापमान माइनस 35 डिग्री तक चला जाता है और पीने के लिए पानी तक नहीं होता था। बर्फ तोड़कर, उसे पिघलाकर हम खाना बनाते थे और अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखते थे। ऐसे-ऐसे मुश्किल हालातों में मैंने काम किया है। और ये लोग क्या जानें?