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    Home»Top Story»जाति नहीं, गरीबी के आधार पर हो आरक्षण: मंत्री
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    जाति नहीं, गरीबी के आधार पर हो आरक्षण: मंत्री

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskOctober 2, 2018Updated:October 2, 2018No Comments4 Mins Read
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    रांची। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के बाद यूपी की योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री (पिछड़ा वर्ग, कल्याण, दिव्यांग जन सशक्तीकरण विभाग) ओमप्रकाश राजभर ने भी आरक्षण पर सवाल उठाया है। कहा कि आरक्षण का आधार जाति नहीं, गरीबी होनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया, जज, मंत्री, विधायक, आइएएस, आइपीएस के बेटे-बेटियों को आरक्षण देने का क्या मतलब है। गरीबों को आरक्षण मिलना चाहिए, चाहे वे किसी भी जाति से संबंधित हों। मंत्री राजभर सामाजिक कार्यकर्ता भानुप्रताप सिंह की मां के श्राद्धकर्म में भाग लेने एचइसी में आये हुए थे। उन्होंने तमाम मसलों पर बेबाक बातचीत की। आपको बता दें कि ओमप्रकाश राजभर ऐसे व्यक्तित्व हैं, जो यूपी सरकार की योजनाओं पर तर्कसंगत सवाल उठाते रहे हैं। इसे लेकर अटकलें भी तेज होती रही हैं कि अगले चुनाव में राजभर पाला बदल सकते हैं। हालांकि बातचीत के दौरान उन्होंने तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया। साफगोई से कहा कि 2019 क्या 2024 तक भाजपा के साथ रहेंगे। मुद्दों पर मतभेद हो सकता है। वे कायर होते हैं, तो बात नहीं रखते और मैदान छोड़ भाग जाते। उन्होंने कहा कि हम सरकार छोड़ भागेंगे नहीं, उसे पटरी पर लायेंगे।
    ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट भी गलत है। हम इसका विरोध करते हैं। यह कैसा कानून है कि झगड़ा किन्हीं दो व्यक्ति के बीच हो, और अभियुक्त पूरा परिवार को बना दिया जाये। एक लाइन से अस्सी साल के बुजुर्ग से दस साल के बच्चे तक को लपेट लिया जाये। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जीएसटी से निश्चित तौर पर भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। अगर सरकार एक देश एक कर की बात करती है, तो फिर डीजल-पेट्रोल को इस दायरे में क्यों नहीं लाया जा रहा है। वहीं कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी नौटंकी कर रही है। कांग्रेस के शासनकाल में भी 12 बार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ी थीं। कहा कि कांग्रेस ही देश को रसातल में ले गयी। नेहरू के कांग्रेस और राहुल के कांग्रेस में तुलना ही नहीं है।
    राजभर ने कहा कि शासन की दृष्टि से यूपी को चार भागों में बांट देना चाहिए। एक तरफ सरकार कहती है कि शासन-प्रशासन जनता के दरवाजे तक पहुंचे। वहीं दूसरी ओर यूपी में 300 किलोमीटर दूर कैसे शासन-प्रशासन हर दरवाजे तक पहुंच सकता है। विकास करना है तो उत्तरप्रदेश को चार भागों में बांटना ही होगा। 15-16 जिला का एक स्टेट होने से विकास तेजी से होगा और शासन-प्रशासन आसानी से जनता तक पहुंच सकेगा। उन्होंने कहा कि सिताबदियारा से हाइकोर्ट में अपील के लिए इलाहाबाद जाना पड़ता है।
    राजभर ने कहा कि अमित शाह से भेंटवार्ता के दौरान उन्होंने कहा था कि गंगा की सफाई के नाम पर पैसा पानी में बहाया जा रहा है। गंगा तो नेचुरल है। इसको साफ करने की क्षमता इंसान में कहा है। जब भी बाढ़ आती है, गंगा साफ हो जाती हैं। हां, इतना जरूर कर सकते हैं कि गंगा में प्रवेश करनेवाली गंदगी को रोक दिया जाये। अपने-आप गंगा साफ हो जायेगी।
    वहीं नोटबंदी पर भी राजभर ने सवाल उठाया। कहा कि नोटबंदी गलत थी। बिल्डर से वेंडर तक परेशान रहे। फायदा कुछ नहीं हुआ। सारे पैसे तो बैंक में जमा ही हो गये। परेशानी हुई, सो अलग। आप सरकार की नीतियों का इस स्तर पर विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि 2024 तक भाजपा के साथ रहेंगे, यह कैसे संभव है? उन्होंने कहा: जैसे अभी संभव है। हम सरकार के साथ ही तो हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को पॉवर मिलना चाहिए, लेकिन जनप्रतिनिधियों को नीचा दिखा कर नहीं। अधिकारी गलत करेगा, तो जनप्रतिनिधि उसे डांटेगा ही। जब जनता जनप्रतिनिधि को डांटती है, तो जनप्रतिनिधि जनता के गुस्से को किसके सामने इजहार करेगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बिहार में भी काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के कुछ जिलों को उत्तरप्रदेश के साथ मिला देना चाहिए। खास कर उन जिलों को, जो उत्तरप्रदेश से सटे हैं। जहां का रहन-सहन, आचार-व्यवहार उत्तरप्रदेश से मिलता है।

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