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    Home»Top Story»तीसरे चरण में भाजपा के सामने बादशाहत बरकरार रखने की चुनौती
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    तीसरे चरण में भाजपा के सामने बादशाहत बरकरार रखने की चुनौती

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskDecember 8, 2019No Comments11 Mins Read
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    सिल्ली में सुदेश के सामने फिर सीमा
    सिल्ली सीट पर मुख्य मुकाबला आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो और यहां से विधायक रहे अमित महतो की पत्नी और झामुमो उम्मीदवार सीमा देवी के बीच है। यहां अमित कुमार भी बतौर निर्दलीय प्रत्याशी जनमुद्दों को लेकर चुनाव के मैदान में हैं, पर राजनीति के जानकारों का कहना है कि यहां मुकाबला सुदेश महतो और सीमा देवी के बीच ही है। इस सीट से इस बार जीत हासिल करना सुदेश के राजनीतिक भविष्य के लिए बेहद जरूरी है। यही कारण है उन्होंने अपनी तथा पार्टी की पूरी ताकत यहां झोंक दी है।

    धनवार में बाबूलाल के भविष्य का फैसला
    हाई प्रोफाइल धनवार सीट से झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी चुनाव के मैदान में हैं। वह पिछले विधानसभा चुनाव में भी इस सीट पर लड़े थे, लेकिन उन्हें माले के राजकुमार यादव के हाथों पराजित होना पड़ा था। मरांडी बीते लोकसभा चुनाव में कोडरमा सीट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन भाजपा की उम्मीदवार अन्नपूर्णा देवी ने उन्हें पराजित कर दिया था। मरांडी के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न है। उनके सामने संसदीय राजनीति की मुख्यधारा में मजबूती से लौटने के साथ-साथ अपनी पार्टी को एक बार फिर स्थापित करने की चुनौती है। इस सीट पर भाजपा ने बाबूलाल से मुकाबले के लिए लक्ष्मण सिंह को उतारा है वहीं लेफ्ट के टिकट पर राजकुमार यादव चुनाव मैदान में हैं। झामुमो ने यहां निजामुद्दीन अंसारी पर भरोसा जताया है।

    राजधानी रांची पर है सबकी निगाहें
    तीसरे चरण के चुनाव में रांची सीट हॉट सीट के रूप में उभरी है। राजधानी की प्रमुख सीट होने के चलते पूरे राज्य की निगाहें यहां टिकी हैं। यहां रघुवर सरकार में नगर विकास मंत्री रहे सीपी सिंह का मुकाबला झामुमो की महुआ माजी, झाविमो के सुशील कुमार गुप्ता और आजसू की वर्षा गाड़ी से है। हालांकि आप के उम्मीदवार राजन कुमार सिंह भी सोशल मीडिया पर अभियान और सघन जनसंपर्क अभियान को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। इस सीट पर एक संभावना पूर्व में यह थी कि यहां से भाजपा सीपी सिंह का टिकट काटकर किसी नये चेहरे को उम्मीदवार बनायेगी, पर पार्टी ने छठी बार भी सीपी सिंह पर भरोसा जताया है। बीते विधानसभा चुनाव में सीपी सिंह का मुकाबला झामुमो की महुआ माजी से हुआ था और महुआ रनर अप रही थीं।

    हटिया में नवीन और अजय हैं आमने-सामने
    हटिया सीट पर भाजपा प्रत्याशी के तौर पर नवीन जायसवाल मैदान में हैं और उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी तथा राज परिवार से संबंध रखनेवाले अजय नाथ शाहदेव से है। इन दोनों को आजसू के भरत काशी चुनौती दे रहे हैं। यहां से आम आदमी पार्टी ने चार्टर्ड एकाउंटेंट आलोक शरण प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। निर्दलीय अरुण तिवारी भी इस सीट पर चुनाव के मैदान में हैं। भाजपा के नवीन जायसवाल के सामने यहां अपना गढ़ बचाने की चुनौती है वहीं कांग्रेस के अजय नाथ शाहदेव के सामने यहां जीत हासिल करने की चुनौती है क्योंकि इसी जीत या हार पर उनका राजनीतिक भविष्य बहुत हद तक निर्भर करेगा। हटिया सीट पर झाविमो ने शोभा यादव पर भरोसा जताया है।

    बरही में दो चीर प्रतिद्वंद्वियों की जंग
    बरही सीट पर दो पुराने प्रतिद्वंद्वी चुनाव के मैदान में हैं। इस दफा अंतर यह आया है कि दोनों ने अपना चोला बदल लिया है। बरही सीट से बीते चुनाव में जीतकर विधायक बने हेवीवेट नेता मनोज यादव कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये हैं और पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी भी बनाया है, वहीं उमाशंकर अकेला भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आ गये हैं। यहां महामुकाबला इन्हीं दो दिग्गजों के बीच में है।

    आजसू के गढ़ रामगढ़ में इस बार किसका झंडा
    रामगढ़ सीट पर आजसू प्रत्याशी के रूप में सुनीता देवी हैं। यह सीट उनके पति चंद्रप्रकाश चौधरी ने वर्ष 2014 में जीती थी, जो इसी वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में गिरिडीह संसदीय सीट से जीत हासिल कर संसद पहुंच चुके हैं। उनकी दिली इच्छा है कि यह सीट उनके परिवार के पास रहे, इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी को उतार दिया। उन्हें जिताने के लिए फील्डिंग भी जमकर कर रहे हैं। सुनीता देवी का मुकाबला कांग्रेस की ममता देवी और भाजपा के रंजय प्रसाद उर्फ कुंटू बाबू से हो रहा है। गौर करने की बात है कि भाजपा ने इस सीट पर दस साल बाद अपना प्रत्याशी दिया है। पिछले दो चुनावों में गठबंधन के चलते यह सीट भाजपा ने आजसू के लिए छोड़ रखी थी। इस विधानसभा क्षेत्र के शहरी इलाके में जहां भाजपा की ओर से आजसू को कड़ी टक्कर मिल रही है, वहीं ग्रामीण इलाकों में उसे कांग्रेस की ममता देवी की ओर से चुनौती मिल रही है।

    कांके में समरीलाल क्या कर पायेंगे कमाल!
    कांके सीट पर बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर डॉ जीतूचरण राम ने जीत हासिल की थी। इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर समरी लाल को प्रत्याशी बनाया है। उनके मुकाबले में आजसू ने रामजीत गंझू को प्रत्याशी बनाया है और जदयू के सिंबल पर डॉ अशोक नाग चुनाव के मैदान में हैं। कांग्रेस ने इस सीट पर पहले पूर्व डीजीपी राजीव कुमार को प्रत्याशी बनाया था, पर बाद में उसने सुरेश बैठा को प्रत्याशी बनाया है। झाविमो ने चर्चित छात्र नेता कमलेश राम पर दांव खेला है। समरी लाल इस सीट पर अलग-अलग पार्टियों के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं। दो बार तो उन्हें बेहद करीबी मुकाबले में पराजय का मुंह देखना पड़ा है। इस बार वह भाजपा के प्रत्याशी हैं। भाजपा कांके सीट पर प्रत्याशी बदलने के बाद भी लगातार जीत दर्ज करती रही है। इस बार समरी लाल के सामने यह चुनौती है कि वह भाजपा नेतृत्व द्वारा उन्हें प्रत्याशी बनाये जाने के फैसले को सही साबित करें।

    बेरमो में राजेंद्र और बाटुल आमने-सामने
    बेरमो सीट पर कांग्रेस ने अपने पुराने दिग्गज राजेंद्र सिंह पर भरोसा जताया है। राजेंद्र सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं और बेरमो उनकी कर्मभूमि रही है। वह इस क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे हैं। पिछले चुनाव में उन्हें भाजपा के योगेश्वर महतो बाटुल के हाथों पराजित होना पड़ा था। इस बार फिर बाटुल और राजेंद्र सिंह के बीच मुकाबला है। राजेंद्र पिछले चुनाव में मिली हार का बदला चुकाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं तो बाटुल की कोशिश अपनी जीत दोहराने की चुनौती है। आजसू ने इस सीट पर काशीनाथ साहू के नाम पर दांव खेला है। प्रदूषण और धुएं से हांफती इस सीट पर जनता किसपर भरोसा जतायेगी यह देखना दिलचस्प होगा

    खिजरी में कड़ी चुनौती में फंसे रामकुमार
    खिजरी सीट पर भाजपा ने रामकुमार पाहन को उम्मीदवार बनाया है। वे यहां से विधायक भी हैं। उनके मुकाबले में झाविमो ने झामुमो छोड़कर पार्टी में आये अंतु तिर्की पर भरोसा जताया है। आजसू ने इस सीट पर रामधन बेदिया पर दांव खेला है वहीं आरएमपी के टिकट पर मार्शेला खलखो चुनाव के मैदान में हैं। कांग्रेस ने इस सीट से राजेश कच्छप पर दांव खेला है।

    ईचागढ़ में साधुचरण को चौतरफा चुनौती
    ईचागढ़ सीट पर भाजपा ने फिर अपने विधायक साधुचरण महतो पर दांव खेला है। इनके मुकाबले में झामुमो ने सविता महतो और आजसू ने हरेलाल महतो को खड़ा किया है। इस सीट पर निर्दलीय अरविंद सिंह भी चुनाव के मैदान में अपने को साबित करने की चुनौती लिए खड़े हैं। यहां मुख्य मुकाबला झामुमो, भाजपा, आजसू और निर्दलीय अरविंद सिंह के बीच माना जा रहा है।

    हजारीबाग में फिर जायसवाल या कोई और?
    हजारीबाग सीट पर भाजपा ने अपने सीटिंग विधायक मनीष जायसवाल पर फिर से भरोसा जताया है। उनके मुकाबले में कांग्रेस ने आरसी मेहता और झाविमो ने मुन्ना सिंह को चुनाव के मैदान में उतारा है। इस सीट पर मनीष जायसवाल के सामने अपना गढ़ बचाये रखने की चुनौती है। उत्तरी छोटानागपुर का

    मांडू में भाइयों के बीच छिड़ी है जंग
    मांडू सीट पर भाजपा ने झामुमो छोड़कर पार्टी में शामिल हुए जयप्रकाश भाई पटेल को उम्मीदवार बनाया है। वहीं झामुमो ने उनके मुकाबले में उनके बड़े भाई रामप्रकाश भाई पटेल को खड़ा किया है। झाविमो ने इस सीट पर चंद्रनाथ भाई पटेल पर दांव खेला है और आजसू ने तिवारी महतो पर भरोसा जताया है। इस सीट पर जय प्रकाश भाई पटेल के सामने खुद को भाजपा उम्मीदवार के तौर पर साबित करने की चुनौती है।
    सिमरिया में बहुकोणीय संघर्ष
    सिमरिया विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां भाजपा ने सीटिंग विधायक गणेश गंझू का टिकट काटकर किशुन दास को प्रत्याशी बनाया है। किशुन भाजजा के पुराने सिपाही हैं, लेकिन चुनाव मैदान में यह उनका पहला अनुभव है। पिछले चुनाव में यहां झारखंड विकास मोर्चा के प्रत्याशी के रूप में गणेश गंझू विजयी हुए थे, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। इस बार झाविमो ने युवा नेता रामदेव गंझू को मैदान में उतारा है, जबकि आजसू ने मनोज चंद्रा को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने इस क्षेत्र से एक बार विधायक रहे योगेंद्र नाथ बैठा को उम्मीदवार बनाया है। यहां सबसे ज्यादा चर्चा झाविमो और आजसू उम्मीदवारों को लेकर हो रही है।

    बड़कागांव में अंबा, रोशन और लोकनाथ में जंग
    बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में पिछली बार कांग्रेस की निर्मला देवी ने जीत दर्ज की थी। उनके पति योगेंद्र साहु भी इस सीट से विधायक रह चुके हैं। कानूनी अड़चनों की वजह से इस बार योगेंद्र और निर्मला दोनों का चुनाव लड़ पाना संभव नहीं था। ऐसे में उनकी पुत्री अंबा प्रसाद कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। अंबा पूरी दमदारी से चुनाव लड़ रही हैं। वह पिछले दो साल से चुनावी तैयारियों में जुटी थीं। उनका मुकाबला आजसू के रोशन लाल चौधरी और भाजपा के लोकनाथ महतो से है। लोकनाथ महतो इस क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके हैं। पिछले दो चुनावों में भाजपा ने यह सीट आजसू के लिए छोड़ी थी। इस बार गठबंधन टूटा तो आखिरी वक्त में लोकनाथ महतो को उतारा गया है। देखना दिलचस्प होगा कि अंबा कांग्रेस की ओर से बैटिंग करते हुृए पार्टी के लिए यह सीट बरकरार रख पाती हैं या नहीं। तीनो प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक रखी है।

    कोडरमा में नीरा और शालिनी में टक्कर
    कोडरमा विधानसभा सीट पर रघुवर सरकार की मंत्री नीरा यादव एक बार फिर भाजपा की प्रत्याशी हैं। उनके सामने दुबारा जीत दर्ज करने की चुनौती है। उन्हें मुख्य तौर पर आजसू की शालिनी गुप्ता से टक्कर मिल रहे है। शालिनी चुनाव के एलान के पहले तक भाजपा में थीं और टिकट के लिए जोरदार दावेदारी कर रही थीं। भाजपा ने नीरा यादव पर दुबारा भरोसा जताया तो शालिनी ने आजसू का दामन थाम लिया। विपक्षी गठबंधन में यह सीट राजद के खाते में आयी है और उसने यहां अमिताभ कुमार को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के संतोष मानव और झारखंड विकास मोर्चा के रमेश हर्षधर भी संघर्ष के अपने-अपने कोण बना रहे हैं।

    बरकट्ठा में जानकी बहुकोणीय मुकाबले में फंसे
    बरकट्ठा में भाजपा ने सीटिंग विधायक जानकी प्रसाद यादव को प्रत्याशी बनाया है। यहां से अमित यादव भी भाजपा टिकट के दावेदार थे, लेकिन टिकट न मिलने पर वह निर्दलीय मैदान में हैं। अमित पहले इसी सीट से भाजपा के विधायक रह चुके हैं। झारखंड विकास मोर्चा ने यहां पुराने दिग्गज बटेश्वर मेहता को प्रत्याशी बनाया है, जबकि राजद ने खालिद खलील और भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी ने दिगंबर मेहता को मैदान में उतारा है।

    गोमिया में डटे बबिता, लंबोदर और माधवलाल
    गोमिया विधानसभा सीट पर भी बेहद दिलचस्प लड़ाई है। यहां योगेंद्र महतो विधायक हुआ करते थे। एक आपराधिक मामले में सजा होने के कारण उनकी विधायकी चली गयी तो यहां उपचुनाव कराना पड़ा। उपचुनाव में योगेंद्र की पत्नी बबिता देवी झामुमो प्रत्याशी के रूप में उतरीं और उन्होंने पति की सीट बरकरार रखी। आजसू के डॉ लंबोदर महतो बेहद करीबी मुकाबले में यहां पिछड़ गये थे। इस बार बविता फिर से मैदान में डटी हैं। आजसू के लंबोदर महतो उपचुनाव में मिली शिकस्त का बदला लेने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। इधर निर्दलीय माधवलाल सिंह भी अपने बूते जोरदार फिल्डिंग कर रहे हैं। भाजपा ने यहां लक्ष्मण नायक को प्रत्याशी बनाया है, जबकि झारखंड विकास मोर्चा ने गौतम तिवारी को मैदान में उतारा है।

    317 उम्मीदवार चुनाव के मैदान में
    तीसरे चरण की 17 सीटों के लिए होनेवाले चुनाव में 317 उम्मीदवार चुनाव के मैदान में हैं। इस चरण में कोडरमा, बरकट्ठा, बरही, बड़कागांव, रामगढ़, मांडू, हजारीबाग, सिमरिया, धनवार, गोमिया, बेरमो, इचागढ़, सिल्ली, खिजरी, हटिया, कांके और रांची सीट पर चुनाव होंगे और यहां 12 सितंबर को मतदान होगा। तीसरे चरण की 17 सीटों में से दस सीटें भाजपा के पास हैं वहीं तीन सीटें मांडू, सिल्ली और गोमिया पर झामुमो का कब्जा है। इसी तरह कांग्रेस के पास बरही और बड़कागांव सीट है और आजसू के पास एक सीट रामगढ़ है। माले का एक सीट धनवार पर कब्जा है जहां से राजकुमार यादव विधायक हैं।

    The challenge to retain the king in front of BJP in the third phase
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