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    Home»Top Story»टाटा स्टील 10 हजार करोड़ जुटाने में लगी, कोरोना वायरस से लड़ने की तैयारी
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    टाटा स्टील 10 हजार करोड़ जुटाने में लगी, कोरोना वायरस से लड़ने की तैयारी

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskApril 14, 2020Updated:April 14, 2020No Comments3 Mins Read
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    जमशेदपुर : कोरोना वायरस के कारण आयी कारोबारी गिरावट और पहले से ही मंदी झेल रही कंपनियों के बीच टाटा स्टील करीब 10 हजार करोड़ रुपये जुटाने में जुटी हुई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा बीते माह यह फैसला लिया था कि कोरोना वायरस को देखते हुए इस तरह की कंपनियों को लिक्विडिटी यानी तरलता यानी नगदी को बरकरार रखनेके लिए अतिरिक्त तरलता को बाजार में रखा जायेगा. एक अंग्रेजी अखबार द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक, कंपनी अतिरिक्त नगदी को बरकरार रखने का फैसला कंपनी के बकाये के पेमेंट या रिपेमेंट के लिए कर सकती है ताकि लॉकडाउन खुले तो फिर से कंपनी सुचारु रुप से संचालित किया जा सके. वैसे आपको बता दें कि टाटा स्टील अकेली ऐसी कंपनी नहीं है, जो इस तरह का फंड बाजार से लेने जा रही है ताकि अपने यहां नगदी यानी तरलता (लिक्विडिटी) को बरकरार रखा जाये. रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी ने दो अप्रैल को ही बोर्ड की बैठक में 25 हजार करोड़ रुपये एनसीडी के माध्यम से जुटाने को मंजूरी दे चुके है जबकि भारती एयरटेल 10 हजार करोड़ जुटाने जा रही है. कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हालात को देखते हुए तत्कालिक किसी तरह का तरलता (नगदी) की जरूरत को पूरा करने के लिए इस तरह का पूर्वाभ्यास के रुप में देखा जा रहा है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने वेरिएबल रेट रेपो के बीच एक ट्रिलियन सेंट्रल बैकों के माध्यम से देने का ऐलान कर चुकी है. वैसे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि जब हालात सुधरेगा तो कंपनी के ग्लोबल मार्केट में काफी ज्यादा सुधार होगा और डिमांड भी पहले से बेहतर होगा क्योंकि 30 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा तो हालात और खराब हो सकते है. इसके रिस्क को देखते हए आगे के दीर्घकालिक फैसले लिये जा रहे है. वैसे टाटा स्टील दिसंबर 2019 तक जारी किये गये वित्तीय आंकड़ों के मुताबिक करीब 1 लाख 9 हजार 867 करोड़ रुपये के कर्ज के साथ संचालित हो रही है. अक्तूबर से दिसंबर 2019 तक 236.58 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग घाटा भी कंपनी ने दिखाया है. वैसे उत्पादन की बात की जाये तो टााटा स्टील ने इसकी पुष्टि की है कि ब्लास्ट फर्नेस का ऑपरेशन चल रहा है, ल ेकिन इसमें बदलाव हो रहा है. टाटा स्टील वर्तमान में 180 से 200 डॉलर टन प्रोफिट कर रहा है, जो जिंदल स्टील के 120 से 130 डॉलर प्रति टन का प्रोफिट से ज्यादा है. जुलाई 2019 में टाटा स्टील ने करीब 600 मिलियन डॉलर का निवेश टाटा स्टील के ओड़िशा स्थित कलिंगानगर प्लांट में करने की योजना बनायी है. इसके अलावा यह भी लक्ष्य है कि 1 बिलियन डॉलर के घाटे को कंपनी चाहती है कि कम करें. वैसे कंपनी अपने घाटे को कम करने में कामयाब हुई है और हालात को देखते हुए इस तरह के कदम उठाये जा रहे है. हालांकि वित्त वर्ष 19 में जैसा कि कंपनी के कर्ज / एबिटा का अनुपात 3.2 था, यह वित्त वर्ष 2017 में नोट किए गए 8.87 से काफी कम है, जो कि वित्त वर्ष 2014 के बाद सबसे अधिक था. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की इस्पात खपत 2020 में 2-2.5 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद थी, जो मोटे तौर पर 2.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि के पूर्वानुमान के अनुरूप थी. 21 दिन के लॉकडाउन से मार्च और अप्रैल में स्टील की बिक्री पर असर पड़ेगा. 31 मार्च, 2019 को समाप्त वर्ष के दौरान 2020 में स्टील की खपत 7.5 प्रतिशत से बहुत कम है

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