बहरागोड़ा : बहरागोड़ा प्रखंड के राजलाबांध गांव की वृद्धा सुजाता पाॅल के निधन होने पर प्रशासन ने परिवार को दाह संस्कार करने से रुकवाया और कोरोना जांच के लिए सैंपल ले गए,परंतु प्रशासन में मृत वृद्धा के शव को ना तो अपनी वाहन से सीएचसी पहुंचाया और ना ही सीएचसी में उपलब्ध 108 वाहन से ही शव को लाया
प्रशासन ने शव को ठंडा घर में या अस्पताल भेजने की कोई व्यवस्था नहीं की.प्रशासन के इस तरह की रवई़या ने मानवता को समसार कर दिया है. प्रशासन द्वारा जब किसी प्रकार की मदद मृतक परिवार को नही मिला तो गांव वालों ने वृद्ध महिला की शव को ठेले पर लादकर उसे बहरागोडा सीएचसी पहुंचाया.
वहां भी स्वास्थ्य विभाग ने किसी प्रकार की मदद नही की तो गांव वाले चंदा करके शव को घाटशिला अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया.मिली जानकारी के अनुसार शव को सीएचसी तक लाने और घाटशिला भेजने में किसी भी पदाधिकारी ने सहयोग नही किया है. राजलाबांध के मुखिया जगदीश राय ने बताया कि जब सीओ से पहल करने की मांग की गयी तो उन्होंने भी पल्ला झाड़ लिया. बहरागोड़ा में प्रशासन की इस तरह की रवैये से लोगों में रोष है.
बहरागोड़ा में सिस्टम पूर्ण रूप से हो चुका है फेल : कुणाल
इस घटना पर बहरागोड़ा के पूर्व विधायक सह भाजपा नेता कुनाल षाड़गी ने कहा कि मृतक के शव को प्रशासन द्वारा ना लाना और परिवार द्वारा ठेले पर लादकर लाना यह साबित करता है की बहरागोड़ा की प्रशासन पूर्ण रूप से फैल हो चुकी है. उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में गुरूवार को स्वास्थ्य सचिव से बात कर मामले से अवगत कराकर दोषीयों पर उचित कार्रवाई करने की मांग करेंगे. कहा कि जब प्रशासन ने शव की अंतिम संस्कार करने से रोक दिया तो यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे शव को अपने कब्जे में कर शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजने की व्यवस्था करें परंतु प्रशासन ने ऐसा कुछ भी नही किया है. प्रशासन की इस रवईयें से मानवता शर्मसार हुई है