जब से मुलायम सिंह यादव को तख्ता पलट कर पार्टी का संरक्षक बनाया गया है, तब से लगा तार पार्टी के दिग्गजों का दुसरे दल में भी शामिल होने की प्रक्रिया तेज हो गया है. एक तरह से ये भी कहा जा सकता है कि अखिलेश युग की शुरुआत होते ही मुलायम के संगी-साथी एक-एक कर सपा छोड़ते जा रहे हैं.
अगर देखा जाय तो सीतापुर के दबंग नेता रामपाल यादव, बलिया के वरिष्ठ नेता अंबिका चौधरी, बेनी प्रसाद के बेटे राकेश वर्मा, कौएद नेता मुख्तार अंसरी और उनके भाई के बाद हाल ही में शिवपाल के करीबी नारद राय ने भी सपा छोड़ दी है. इसके अलावा अब खबरें आ रही हैं कि अखिलेश कैबिनेट में पूर्व मंत्री रहीं और शिवपाल-मुलायम की करीबी शादाब फातिमा भी बीएसपी ज्वाइन कर सकती हैं.
अगर शादाब फातिमा बसपा ज्वाइन करती है तो अखिलेश के अल्पसंख्यक वोट में सेंध लगना तय है. क्योंकि फातिमा का पकड़ अपने अल्पसंख्यक लोगों के बीच काफी ज्यादा है. फातिमा बसपा का साथ पकडती है तो सपा को काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है.