नयी दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मोदी सरकार की खामियों को उजागर किया. मनमोहन सिंह ने कहा कि भारतीय अर्थव्यस्था अच्छी स्थिति में नहीं है. माल्या मामले पर मनमोहन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री और मंत्रियों को विभिन्न उद्योग के मालिकों की चिट्ठी मिलती है, जो कि संबंधित अथॉरिटी को आगे बढ़ा दी जाती है जो भी हमने किया वह नियम के विरुद्ध नहीं था.
उन्होंने कहा कि मैंने जो किया वह नियमित प्रक्रिया का हिस्सा था, जिस चिट्ठी की बात की जा रही है, वह एक सामान्य चिट्ठी थी.
आपको बता दें कि भाजपा प्रवक्ता संविद पात्रा ने सोमवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस कर मनमोहन सिंह पर गंभीर आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार के दौरान किंगफिशर के मालिक विजय माल्या को कर्ज दिलाने में मदद की थी. भाजपा प्रवक्ता ने एक पत्र के हवाले से यह आरोप डॉ मनमोहन सिंह पर लगाया है. कथित रूप से यह पत्र विजय माल्या ने 2011 व 2013 में डॉ मनमोहन सिंह व पी चिदंबरम को लिखा था.
चिदंबरम ने किया मोदी सरकार पर प्रहार
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चिदंबरम ने कहा कि अगर सरकार कल अर्थव्यस्था का आकर्षण चेहरा पेश करती है, तो लोगों के पास सवाल करने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार अर्थव्यस्था को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने में यकीन करती है, यह दस्तावेज (स्टेट ऑफ इकॉनमी) सच्चाई के करीब है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक सरकार आशावादी रहती है लेकिन आशावाद स्थिति का एक यथार्थवादी आकलन होना चाहिए. चिदंबरम ने कहा कि भाजपा जीडीपी के आंकड़े के पीछे छिप रही है, देश की जनता इससे भ्रमित नहीं हो सकती है. जनता उनसे पूछ रही है कि नौकरी कहां है…पूंजी निवेश कहां है…ऋण वृद्धि कहां है… पी चिदंबरम ने कहा कि लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है. पूंजी निर्माण में लगातार कमी आ रही है. क्रेडिट ग्रोथ भी कम हुआ है.