रांची। झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद दुमका, जामताड़ा और पाकुड़ जिले में भारी संख्या में शिक्षक पदमुक्त हो जायेंगे। इस फैसले का शिक्षा व्यवस्था पर गहरा प्रभाव दिखनेवाला है। जामताड़ा में कुल 248, दुमका में 364 और पाकुड़ में 255 शिक्षक पदमुक्त हो जायेंगे। इस कारण से शिक्षा विभाग की परेशानी बढ़नेवाली है। वहीं, कई स्कूल तो शिक्षक विहीन होते नजर आ रहे हैं। इससे छात्रों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ने जा रहा है। इन स्कूलों में खास तौर पर विज्ञान की कक्षाओं पर ज्यादा प्रभाव पड़नेवाला है। क्योंकि हटनेवालों में ज्यादातर शिक्षक विज्ञान के विषयों के ही हैं।
तीन जिलों में लगभग 200 हाइस्कूल होंगे प्रभावित
बता दें कि जामताड़ा जिला में कुल 65 हाइस्कूल हैं, जिनमें से 46 उत्क्रमित उच्च विद्यालय, 16 उच्च विद्यालय तथा 3 प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय हैं। वहीं, दुमका में 82 और पाकुड़ में 59 हाइस्कूल हैं। हाइकोर्ट के आदेश के बाद अब कई स्कूलों में शिक्षक नहीं बचेंगे। पहले की तरह प्रतिनियोजित शिक्षक के भरोसे स्कूल चलेंगे। मिडिल स्कूल के उच्च योग्यताधारी शिक्षकों को प्रतिनियोजित किया जा सकता है। तीन जिलों के लगभग 200 हाइस्कूल इस फैसले से ज्यादा प्रभावित होंगे।
जामताड़ा जिला में हाइस्कूलों के शिक्षकों के कुल 661 स्वीकृत पद हैं। इनमें से 314 शिक्षक कार्यरत थे, लेकिन हाइकोर्ट के आदेश के बाद अब जिले से 248 शिक्षकों की छंटनी हो रही है। ऐसे में जामताड़ा में 66 शिक्षक ही बचेंगे। वहीं, दुमका में 945 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 476 पदों पर शिक्षक थे। अब इनमें से 364 की छंटनी हो जायेगी, तो मात्र 112 शिक्षक ही बचेंगे।
मैट्रिक की परीक्षा हो सकती है प्रभावित: डीइओ
जामताड़ा जिला शिक्षा पदाधिकारी अभय शंकर ने कहा कि सरकार से चिट्ठी आने के बाद ही कुछ आंकलन किया जा सकता है, शिक्षकों की छंटनी होने से मैट्रिक परीक्षा से लेकर हर चीज बाधित होगी। किसी प्रकार से काम चलाना होगा।