NewDekhi : अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद नतीजों की तस्वीर करीब-करीब साफ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हार रहे हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी कैंडिडेट जो बाइडेन की जीत तय नजर आ रही है। एक सदी से ज्यादा वक्त से अमेरिका में परंपरा है कि हारने वाला प्रत्याशी जीतने वाले को बधाई देता है। इसे कन्सेशन (concession) या फेयरवेल स्पीच कहा जाता है।
इस चुनाव में दोनों कैंडिडेट्स के बीच कड़वाहट और बदजुबानी सारी हदें पार कर गई। पारिवारिक और व्यक्तिगत छींटाकशी हुई। ट्रम्प ने ये ज्यादा किया। अमेरिकी मीडिया में चर्चा है कि इस बार कन्सेशन या फेयरवेल स्पीच की परंपरा टूट जाएगी। ट्रम्प शायद बाइडेन को जीत की बधाई न दें।
1896 की मिसाल
कन्सेशन या फेयरवेल स्पीच अकसर दो बार होती है। कई बार एक ही बार हुई, लेकिन 1896 से यह परंपरा है। तब विलियम्स जेनिंग्स ब्रायन और विलियम मैकिन्ले का मुकाबला था। काफी छींटाकशी हुई। ब्रायन हारे, लेकिन हार के बाद मैकिन्ले को एक टेलीग्राम के जरिए भावुक लहजे में बधाई दी। हो सकता है कि ये इसके पहले भी होता रहा हो, लेकिन इसके सबूत मौजूद हैं। बहरहाल, यह परंपरा शुरू हुई तो इसका पालन पिछले यानी 2016 के चुनाव तक तो किया गया। हिलेरी क्लिंटन पॉपुलर वोट में जीतीं। इलेक्टोरल वोट्स से हार गईं। लेकिन, उन्होंने ट्रम्प को जीत की बधाई दी।