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    Home»Top Story»सरकार की गाइडलाइंस के बाद भी हाल में ठीक हुए लोग लगवा रहे वैक्सीन, CoWIN पर रोकने की कोई सुविधा नहीं
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    सरकार की गाइडलाइंस के बाद भी हाल में ठीक हुए लोग लगवा रहे वैक्सीन, CoWIN पर रोकने की कोई सुविधा नहीं

    sonu kumarBy sonu kumarMay 29, 2021No Comments4 Mins Read
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    केंद्र सरकार ने 19 मई को कहा था कि कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों को कम से कम तीन महीने के बाद ही वैक्सीन लेनी चाहिए. इसके अलावा सरकार ने अपनी नई गाइडलाइंस में यह भी कहा था कि वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद कोई अगर संक्रमित हुआ हो तो उसे ठीक होने के बाद 3 महीने तक दूसरी डोज नहीं लगानी चाहिए. हालांकि सरकार के इस फैसले के बाद भी संक्रमण से ठीक हुए लोग वैक्सीन लगवा रहे हैं. वैक्सीनेशन के लिए CoWIN वेबसाइट पर अभी तक ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया है कि ऐसे लोगों के वैक्सीनेशन को रोका जा सके.

    कई लोग संक्रमण से ठीक होने के बाद वैक्सीन ले रहे हैं. दिल्ली के कृष्णानगर इलाके के रहने वाले 26 साल के अंश कोरोना संक्रमित होने के बाद 30 अप्रैल को निगेटिव आए थे. लेकिन अंश और उसके पिता ने 24 मई को दिल्ली के एक वैक्सीनेशन सेंटर पर अपनी पहली डोज लगवाई. अंश ने बताया, “हमने अपने परिवार की सुरक्षा के लिए वैक्सीन लगाने का फैसला किया. कोविन पर रजिस्टर करने के बाद हमें 24 मई का स्लॉट मिला.”

    उन्होंने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करने के दौरान ऐसा कोई मैकेनिज्म नहीं है, जिससे कोविड-19 से हाल में ठीक हुए लोगों को स्लॉट मिलने से रोका जा सके. अंश ने कहा, “वैक्सीनेशन सेंटर पर भी मुझसे कोरोना संक्रमित होने के बारे में नहीं पूछा गया. जबकि कोविन पर रजिस्ट्रेशन और आरटी-पीसीआर जांच के वक्त भी मैंने अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल किया था.”

    एक्सपर्ट ग्रुप की सिफारिश पर लिया गया फैसला

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि तीन महीने तक वैक्सीन नहीं लेने का फैसला कोविड-19 वैक्सीनेशन पर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप की सिफारिशों के बाद लिया गया. मंत्रालय ने कहा था कि ये सिफारिशें कोविड-19 महामारी की उभरती स्थिति और उभरते वैश्विक वैज्ञानिक साक्ष्य और अनुभव पर आधारित हैं. सरकार ने कहा कि कोविड से ठीक हो चुके लोगों में पर्याप्त एंटीबॉडी बन जाती है, जो उन्हें दोबारा संक्रमण से कम से कम तीन महीनों तक सुरक्षा देगी. इसलिए, संक्रमण के ज्यादा जोखिम वाले लोगों को पहले वैक्सीनेट कर उनका बचाव किया जा सकता है.

    19 मई की नई गाइडलाइंस के बाद कोविड से रिकवर होकर वैक्सीन लेने वाले अंश सिर्फ अकेले नहीं है. नोएडा में रहने वाले 33 साल के मेहुल चोपड़ा (बदला हुआ नाम) भी 9 मई को कोरोना संक्रमण से ठीक हुए. उन्हें 21 मई को वैक्सीनेशन स्लॉट भी मिला. उन्होंने भी CoWIN पर रजिस्ट्रेशन के लिए और आरटी-पीसीआर जांच के लिए अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल किया था.

    इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी दिल्ली एक वैक्सीनेशन सेंटर के नोडल ऑफिसर ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, “CoWIN प्लेटफॉर्म पर हमारे लिए ऐसी कोई सुविधा नहीं है, जिससे पता चल सके कि वैक्सीन लगाने वाला व्यक्ति हाल में कोविड से ठीक हुआ है या नहीं. इसके अलावा प्लेटफॉर्म पर ऐसी कोई जानकारी भी नहीं है कि संक्रमण से ठीक होने के बाद कोई व्यक्ति वैक्सीन कब लगवा सकता है.”

    निगेटिव होने की स्थिति पर लोग कन्फ्यूज

    कोविन प्लेटफॉर्म पर तकनीकी लिमिटेशन के अलावा हाल में ठीक हुए लोगों को यह फैसला लेने में भी दिक्कत हो रही है कि वो वैक्सीन कब लगवाएं. दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-1 के रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने हाल में कहा कि कोविड से ठीक होने के बाद निगेटिव होने का पता लगाने के लिए आरटी-पीसीआर जांच की जरूरत नहीं है, इसलिए यह साफ नहीं कि किस तारीख से तीन महीने का समय गिना जाए.

    उन्होंने कहा, “सभी मरीजों की रिकवरी टाइम अलग-अलग होती है. मुझे 9 दिनों के बाद बुखार या गले में किसी तरह की समस्या नहीं हुई, लेकिन मेरी पत्नी को 18वें दिन के बाद भी बुखार रहा. कई मामलों लोग लंबे समय तक बीमार रह रहे हैं.” उन्होंने कहा कि कोविन प्लेटफॉर्म पर ऐसी सुविधा होनी चाहिए, जिससे व्यक्ति का रिकवरी स्टेटस और उनके वैक्सीनेशन की जानकारी उपलब्ध हो.

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