Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, June 8
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»स्पोर्ट्स»अन्य खेल»टोक्यो ओलिंपिकः विजेताओं को पदक के साथ दिये जाने वाले पुष्पगुच्छ की है कुछ ऐसी कहानी
    अन्य खेल

    टोक्यो ओलिंपिकः विजेताओं को पदक के साथ दिये जाने वाले पुष्पगुच्छ की है कुछ ऐसी कहानी

    sonu kumarBy sonu kumarJuly 27, 2021No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    ओलंपिक खेलों में मंच पर पदक विजेताओं को दिए जाने वाले पुष्पगुच्छ में एक ओर एथलीटों की सफलता के प्रति सम्मान दर्शाया जा रहा है, वहीं इन पीले, हरे और नीले रंग के अद्भुत फूलों के पीछे दर्द भरी कहानी और अनंतकाल तक आगे बढ़ने की शुभकामनाएँ छिपी हैं। ये ताज़ा फूल जापान के उन तीन क्षेत्रों से मँगवाए जा रहे हैं, जहाँ हज़ारों लोग किसी न किसी त्रासदी के शिकार हुए लेकिन उस क्षेत्र के लोगों ने अथक परिश्रम और साधना से उस स्थान को सुनहरे भविष्य के लिए अपनी आजीविका का आधार बनाया है।

    हालाँकि इस पुष्पगुच्छ में एक ओलिंपिक मैंस्कट ‘मिरैतोवा’ की आकृति दिखाई गई है। इस कार्टूननुमा आकृति के मस्तक पर बँधे रिबन में नीले और श्वेत रंग दिखाए गए हैं। इसका जापान में ‘मिराइ’ अर्थात भविष्य और ‘टोवा’ अर्थात अनंतकाल।

    पुष्पगुच्छ में हरा रंग फ़ुकुशिमा की दर्द भरी दास्तान है। जापान के 57 जिलों अथवा हिस्सों में से फुकुशिमा एक दशक पूर्व आणविक विस्फोट, टी सुनामी और भूकंप से पूरी तरह तबाह हो गया था। इस क्षेत्र में हज़ारों लोग मारे गए थे, जबकि सैकड़ों लापता हो गए थे अथवा घर छोड़कर जाना पड़ा था। इसके बावजूद इस क्षेत्र के किसानों ने खेतीबाड़ी में खाद्य पदार्थों को अपनी रोज़ी रोटी का आधार बनाने की बजाए ‘एस्टोमस’ पुष्प खेती की पैदावार की ताकि खाद्य पदार्थों में आणविक विस्फोट की रेडिएशन न्यूनतम हो। इस त्रासदी के पश्चात किसानों ने फल-सब्ज़ियों में रेडिएशन की मात्रा अधिक पाई थी। इस क्षेत्र के किसान यह संदेश देना चाहते हैं कि उन्होंने पैदावार में बदलाव कर हिम्मत और बहादुरी से जीवन जीने की कला अपनाई है।

    मियागि का सूरजमुखी फूल : फ़ुकुशिमा में आई टी सुनामी ने आसपास के क्षेत्रों में तबाही की चपेट में मियागि को भी लपेट लिया था। तब दस हज़ार लोग मारे गए थे अथवा लापता हो गए थे। उन दिनों भारी तबाही को देखते हुए लोग मियागि की पहाड़ियों में आ बसे थे और उन्होंने इस क्षेत्र में गुलाब के फूलों की मौजूदगी में सूरजमुखी के फूलों की पैदावार शुरू की। आज इन गर्मियों में पहाड़ी पर चारों ओर सूरजमुखी के फूल दिखाई पड़ते हैं।

    इवेंट के नीले चमकदार जेंटेन्स की छटा देखते ही बनती है। मियागि के उत्तर में समुद्र तटीय ‘इवेट’ भी टी सुनामी की उन्मादी लहरों से पूरी तरह तबाह हो चुका था। इस क्षेत्र में जेंटेन्स पुष्प की खेती सारे जापान में की जाती थी। इवेट में इन फूलों की पैदावार सन 1960 से लगातार हो रही है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleप्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को दी जन्मदिन की बधाई
    Next Article Coronavirus Update: भारत में 132 दिन बाद कोरोना के 30 हजार से कम नए मामले, एक्टिव केस भी 4 लाख से नीचे
    sonu kumar

      Related Posts

      आईपीएल खिताब जीतने पर कोहली ने कहा-ये जीत आत्मा को सुकून दे रही है

      June 4, 2025

      17 साल का सूखा खत्म, आरसीबी बनी आईपीएल चैंपियन, फाइनल में पंजाब को 6 रन से हराया

      June 4, 2025

      एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप : अनिमेष कुजूर ने 200 मीटर दौड़ में राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़कर जीता कांस्य

      May 31, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • झारखंड में आदिवासी लड़कियों के साथ छेड़छाड़, बाबूलाल ने उठाए सवाल
      • पूर्व मुख्यमंत्री ने दुमका में राज्य सरकार पर साधा निशाना, झारखंड को नागालैंड-मिजोरम बनने में देर नहीं : रघुवर दास
      • गुरुजी से गुरूर, हेमंत से हिम्मत, बसंत से बहार- झामुमो के पोस्टर में दिखी नयी ऊर्जा
      • अब गरीब कैदियों को केंद्रीय कोष से जमानत या रिहाई पाने में मिलेगी मदद
      • विकसित खेती और समृद्ध किसान ही हमारा संकल्प : शिवराज सिंह
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version