रांची। झारखंड विधानसभा में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने मैनहर्ट घोटाले का मुद्दा उठाया। सोमवार को कार्यवाही प्रारंभ होते ही उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से माहवारी प्रतिवेदन लेती है। ब्यूरो ने आरंभिक जांच पूरा कर लिया है और दोष सिद्ध अभियुक्त संख्या-1 ने ब्यूरो की पृच्छा का जवाब दाखिल कर दिया है। इसके बाद भी मैनहर्ट मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की अग्रेतर करवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने सरकार से प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।
विधायक सरयू राय के मैनहर्ट घोटाले का मुद्दा उठाने के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि मैनहर्ट घोटाले की जांच चल रही है। इस घोटाले में एक नहीं कई लोग शामिल हैं। अब तक ब्यूरो के पास दो-तीन लोगों का ही जवाब आया है, बाकी का नहीं आया है। उन्होंने सदन को यह भी बताया कि इस मामले में तत्कालीन नगर विकास मंत्री भी आरोपित हैं। सभी तथ्यों की क्रमवार जांच होता है और इसमें समय लगता है। सभी के जवाब आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। मंत्री के जवाब पर विधायक सरयू राय ने कहा कि यदि आरोपित जवाब नहीं देंगे तो क्या कार्रवाई नहीं होगी। मंत्री ने कहा कि दो महीने के भीतर सभी आरोपितों से जवाब लेकर कार्रवाई की जाएगी।
पुरानी पेंशन स्कीम का मुद्दा उठा
इसके बाद सदन में पुरानी पेंशन स्कीम का मुद्दा भी उठा। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि राज्य में अभी राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू है। एक जनवरी 2004 के प्रभाव से केंद्र सरकार की सेवा में आनेवाले सभी नए कर्मियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई। इसके आलोक में झारखंड सरकार ने भी एक दिसंबर 2004 को या उसके पश्चात नियुक्त झारखंड सरकारी सेवकों पर नई अंशदायी पेंशन योजना अनिवार्य रूप से लागू है। मंत्री ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना पर सभी पहलुओं पर विचार कर सम्यक निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि इस मामले पर पूर्व में मुख्यमंत्री ने भी अपना विचार सदन के समक्ष रखा है।अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से आजसू विधायक लंबोदर महतो और माले विधायक विनोद सिंह ने राज्य सरकार के कर्मियों को नई पेंशन योजना को बंद कर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की थी।
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा गया: मुख्यमंत्री
देवघर के विधायक नारायण दास ने मांग की है कि दुमका में हाई कोर्ट की एक बेंच बननी चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हम इसके पक्ष में हैं। इस संबंध में झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा गया है। मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान विधायक बंधु तिर्की ने आरक्षित कोटे के बैकलॉग नियुक्ति का मामला सदन में रखा। इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि अलग राज्य बनाने के बाद कभी भी आरक्षित कोटे के बैकलॉग पदों को भरने के लिए नीतिगत निर्णय नहीं लिया गया। सरकार के सामने यह एक जटिल समस्या है लेकिन वर्तमान सरकार राज्य भर के सभी आरक्षित कोटे के बैकलॉग पदों का वर्ष 2022-23 में अध्ययन कराएगी और इसके बाद नियुक्ति का निर्णय लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झामुमो विधायक दशरथ गागराई के सवाल के जवाब में कहा कि झारखंड आंदोलन में शहीद हुए आंदोलनकारियों के परिजनों को सरकारी नौकरी और मुआवजा पर राज्य सरकार ने पहले ही निर्णय ले लिया है। सरकार इसपर चिन्हितिकरण आयोग की अनुशंसा पर आगे की कारवाई करेगी। खरसावां गोलीकांड का मामला 1948 का है। इस मामले पर 2016 में जिला स्तरीय बैठक हुई थी और दो लोगों को एक एक लाख का मुआवजा दिया गया था। गुवा गोलीकांड में शहीद हुए लोगों के परिजनों को नौकरी दी गई है।
भाजपा विधायकों ने दिया धरना
सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने विधानसभा मुख्य द्वार पर धरना दिया। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। भाजपा विधायकों ने कोयला, पत्थर, बालू लूटने वाली सरकार होश में आओ के नारे लगाए। भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा कि राज्य में लगातार सरकार के शह पर कोयला, पत्थर व बालू की लूट हो रही है। आलम यह है कि प्रधानमंत्री आवास के लिए गरीबों को भी बालू नहीं मिल रहा है। आजसू विधायक लंबोदर महतो ने खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने की मांग को लेकर धरना दिया।