नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सब्सिडी ‘गिव इट अप’ करने की अपील को मानने वाली जनता अब रो रही है. पेट्रोलियम मंत्रालय से मिले ताजे आकड़े यह बताते हैं कि जनता को ये सब्सिडी छोड़ना उनकी जेब पर आ बनी है तभी तो 1 लाख 12 हजार 655 लोगों ने गिव इट अप को गलती मानते हुए अपनी सब्सिडी वापस ले ली है. इसमे 23 हजार महाराष्ट्र से हैं.
दरअसल मंत्रालय ने ‘गिव इट अप’ स्कीम को लांच करते वक्त सब्सिडी ले रहे एलपीजी ग्राहकों को एक साल बाद सब्सिडी वापस लेने का भी विकल्प दिया था. वहीं, इस गिव इट अप के तहत केंद्र सरकार ने दावा किया था कि इससे 21 हजार करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है.
बता दें कि गिव इट अप स्कीम से पहले सितंबर 2016 में गैरसब्सिडी वाला सिलेंडर दिल्ली में 470 रुपए में बिकता था और सब्सिडी के साथ सिलेंडर की कीमत 420 रुपए थी. तो वहीं, गिव इट अप स्कीम में सब्सिडी छोड़ चुके लोगों को दिल्ली में गैससब्सिडी सिलेंडर लगभग 725 रुपए में मिल रहा है जबकि सब्सिडी के साथ वही सिलेंडर महज 440 रुपये में बिक रहा है.
2015 में लॉन्च हुआ था गिव इट अप स्कीम
गौरतलब है कि दो साल पहले मार्च 2015 में पीएम मोदी ने देशभर के मध्यम वर्ग के लोगों से अपील की थी कि वह गरीब परिवार तक गैस सिलेंडर पहुंचाने के लिए अपनी सब्सिडी छोड़ दें. इसके बाद एक साल के अंदर देशभर में लगभग एक करोड़ लोगों ने सब्सिडी छोड़ भी दी.