भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने छठ को लेकर कोरोना की गाइडलाइन जारी करने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। पत्र में श्री दास ने कहा है कि छठ व्रत पर अब तक कोरोना की गाइडलाइन जारी नहीं करने के कारण छठ व्रत करनेवाले असमंजस में हैं। पत्र में छठ व्रत के महत्व पर उन्होंने कहा है कि छठ व्रत झारखंड सहित पूरे विश्व में
Author: azad sipahi desk
कोरोना का इस दौर में एहतियात ही बचाव का उपाय है। ऐसे में राजधानी रांची के युवाओं ने इस आपदा में भी अवसर ढूंढ़ने का काम किया है। युवाओं ने एक देसी 100 प्रतिशत नेचुरल सेनिटाइजर का निर्माण किया है, जो अगरबत्ती की तरह ही दिखता है। एयरोबियनिक के डायरेक्टर प्रकाश राटोडिया ने स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी के साथ मीटिंग के बाद कहा कि सेनिटाइजर अगरबत्ती के जरिये युवाओं का मकसद है कि हर घर को सस्ती कीमत पर सेनिटाइज किया जा सके।
झारखंड के तीन मेडिकल कॉलेजों में नामांकन पर नेशनल मेडिकल काउंसिल की रोक का विवाद गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एनएमसी को पत्र भेज कर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। एनएमसी ने कहा है कि दुमका, हजारीबाग और पलामू मेडिकल कॉलेजों में आश्वासन के बावजूद निर्धारित समय में वे सारे संसाधन नहीं जुटाये गये, जिनकी मेडिकल की पढ़ाई में जरूरत होती है। इसलिए इन तीन मेडिकल कॉलेजों में नामांकन नहीं लिया जा सकता। यह
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शनिवार को संपन्न हो गया। मतगणना 10 नवंबर को होगी, लेकिन विभिन्न चैनलों के एग्जिट पोल के नतीजे बता रहे हैं कि ‘सुशासन बाबू’ नीतीश कुमार की सत्ता में वापसी मुश्किल है। अधिकतर सर्वे में राजद के नेतृत्ववाले महागठबंधन को बढ़त मिलने की संभावना व्यक्त की गयी है। इंडिया टुडे के सर्वे में कहा गया है कि 44
बिहार विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने सत्ता पर काबिज होने के लिए पुरजोर कोशिश की है. इस चुनाव में विभिन्न पार्टियों के चार अलग-अलग गठबंधन और छह मुख्यमंत्री पद के चेहरे चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं. ऐसे में बिहार विधानसभा चुनाव में बाजी कौन मारेगा, ये 10 नंवबर को तय होगा, लेकिन एग्जिट पोल में मुख्यमंत्री पद के लिए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ही पहली पसंद बनाकर उभरे हैं, जबकि मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार बिहार की जनता की दूसरी पसंद बने हैं.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद नतीजों की तस्वीर करीब-करीब साफ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हार रहे हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी कैंडिडेट जो बाइडेन की जीत तय नजर आ रही है। एक सदी से ज्यादा वक्त से अमेरिका में परंपरा है कि हारने वाला प्रत्याशी जीतने वाले को बधाई देता है। इसे कन्सेशन (concession) या फेयरवेल स्पीच कहा जाता है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य के क्षेत्र, अधिकारों और यहां की व्यवस्था की रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है। अपने कर्तव्य पालन से सरकार पीछे नहीं हटेगी। वह शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित झारखंड मंत्रालय में मीडिया के सवालों के जवाब दे रहे थे। सीबीआइ की इंट्री पर रोक लगाने के अपने फैसले के बारे में पूछे गये सवाल में उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि हमने अपने अधिकार क्षेत्र में ही फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासियों के हित में तैयार किये गये एक प्रस्ताव पर शुक्रवार को मुहर लगा दी। यह प्रस्ताव आदिवासी/सरना धर्मावलंबियों के लिए अलग सरना कोड का प्रावधान करने हेतु केंद्र सरकार को भेजे जाने से संबंधित है। इसमें कहा गया है कि 2021 में होनेवाली जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग सरना कोड का प्रावधान किया जायेगा।
प्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि झारखंड में पांच कोयला खदानों सहित 37 खदानों की इ-नीलामी उसके अंतिम आदेशों के दायरे में रहेगी। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने केंद्र से कहा कि वह बोली लगाने वालों को सूचित करे कि किसी प्रकार का लाभ अस्थायी होगा और यह शीर्ष अदालत के अंतिम आदेश के दायरे में होगा।
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि पत्रकारों के ऊपर समाज की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। पत्रकारों को अपने समाचारपत्र, पत्रिका, मीडिया संस्थानों, ब्लॉग के माध्यम से अच्छी और ज्ञानवर्धक बातें समाज को बतानी चाहिए। उन्हें सदा निष्पक्ष पत्रकारिता करनी चाहिए। मीडिया को लोकतंत्र का चतुर्थ स्तंभ कहा गया है। इसलिए उन्हें सदा समाज की सजग प्रहरी की भूमिका का निर्वहन करना चाहिए। जनता को जागरूक करना और भ्रम दूर करना, यह अच्छी पत्रकारिता का गुण है।
झारखंड सरकार ने देश की प्रतिष्ठित जांच एजेंसी सीबीआइ को बगैर अनुमति राज्य में किसी भी मामले की जांच करने पर रोक लगा दी है। ऐसा करनेवाला झारखंड सातवां राज्य है, लेकिन इस फैसले के साथ एक गंभीर सवाल यह पैदा हो गया है कि क्या भारतीय संघवाद की अवधारणा एक-एक कर बिखर रही है। केंद्र और राज्यों के रिश्तों की बुनियाद पर खड़ी भारतीय संघ की