देवघर में हृदय विरादक घटना हुई है। एक नाबालिग लड़के ने अपनी ही मां और बहन की चाकू गोदकर हत्या कर दी है। पुलिस ने फरार नाबालिग लड़के को जसीडीह से पकड़ा है। साथ ही पुलिस के समक्ष अपना अपराध स्वीकार भी किया है। पुलिस ने गुरुवार सुबह सुबह दोनों शव को बरामद किया और कुछ ही देर बाद लड़के को जसीडीह से हिरासत में ले लिया है।
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दुमका । दुमका पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। जिले के मुफस्सिल थाना पुलिस को ट्रैक्टर चोर गिरोह का पर्दाफाश…
देवघर कचहरी मेन रोड में बर्णवाल धर्मशाला के समीप गोपाल बर्णवाल की पत्नी और बेटी की देर रात हत्या कर दी गयी। व्यवसायी गोपाल के अनुसार मां सुनीता देवी और बेटी भारती के साथ बेटा आर्यन ऊपर रूम में सोया था। सुबह गोपाल जब अपने नीचे रूम से उठ कर ऊपर गया तो दरवाजा खोलते ही मां-बेटी का खून से लथ पथ शव देखा।
: काेराेना काल में लाशों की भी फजीहत हाे रही है। धनबाद के ही पीएमसीएच में इसका नजारा देखा जा सकता है। नियमानुसार बगैर काेराेना जांच परिवार को शव नहीं साैंपा जा सकता। शव को पहले अस्पताल के इमरजेंसी में लाया जाता है।
झारखंड विधानसभा की विभिन्न समितियों के सभापतियों की बुधवार को हुई बैठक में यह बात निकल कर सामने आयी कि इन समितियों को कई बार अधिकारी तवज्जो नहीं देते हैं। साथ ही बैठक में सभी सदस्यों को कहा गया कि समिति के कद को उन्हें समझना पड़ेगा। इस पर समिति के सभापतियों ने कहा कि अधिकारियों को भी समिति के कद को अहमियत देनी चाहिए
कभी सिल्वर स्क्रीन पर दिखनेवाले पात्र की तरह झारखंड पुलिस की कार्रवाई अब सवालों के घेरे में है। यदि आरोप सही है, तो कुछ अफसरों के कारण पुलिस महकमे पर से विश्वास उठ सकता है। धनबाद के चर्चित गांजा प्लॉट कांड की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इससे जुड़े हर चेहरे बेनकाब हो रहे हैं। सीआइडी की जांच जिस दिशा में बढ़ी है, उसमें कोयला तस्करों और कुछ पुलिस अफसरों के गठजोड़ का खुलासा होना लगभग तय है।
झारखंड की चर्चित रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने नक्सलियों को लेवी के तौर पर छह लाख रुपये का भुगतान किया है। यह एनआइए की छापेमारी में उजागर हुआ है। जांच एजेंसी ने कंपनी के कार्यालय में मंगलवार को छापामारी की थी। इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, कंप्यूटर हार्ड डिस्क, कैश बुक और बैंक खातों का विवरण जब्त किया गया है। कंपनी का कार्यालय रांची के कचहरी रोड स्थित पंचवटी प्लाजा के सातवें तल्ले पर है।
रांची। जेरेडा के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार के विरुद्ध किसी भी दिन एसीबी में एफआइआर हो सकती है। सोमवार और…
कोरोना के कारण सवा दो महीने के लॉकडाउन से सर्वाधिक प्रभावित प्रवासी मजदूर रहे। सैकड़ों-हजारों किलोमीटर दूर से भारी मुसीबतों का सामना कर घर लौटनेवाले इन प्रवासी मजदूरों की सबसे बड़ी चिंता रोजी-रोटी की है। झारखंड में करीब साढ़े छह लाख मजदूर लौट चुके हैं और इनमें से अधिकांश ने अब कभी बाहर नहीं जाने की बात कही है। ऐसे में इनके लिए काम की व्यवस्था करना राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी।
आजाद सिपाही संवाददाता रांची। राज्यसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही एक बार सरगर्मी तेज हो गयी है। विधानसभा की…
स्पीकर बोले: यह मिनी विधानसभा है, अहमियत को समझना पड़ेगा समितियों के अधिकार को मजबूत करने की जरूरत: आलमगीर रांची।…