1962 के बाद चीन ने एक बार फिर अपनी धोखेबाज फितरत को दोहराया है। इस बार उसने लद्दाख की गलवान घाटी में हमारी पीठ में छुरा भोंका है। सेना की वापसी और सीमा पर तनाव कम करने के बारे में उसके दरवाजे पर गये भारतीय सैनिकों पर उसने घात लगा कर हमला किया और हमारे 20 जांबाज शहीद हो गये। चीन को इस हिमाकत और अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक परंपराओं के उल्लंघन की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है और उसके भी 43 सैनिकों को ह