कोरोना के कारण सवा दो महीने के लॉकडाउन से सर्वाधिक प्रभावित प्रवासी मजदूर रहे। सैकड़ों-हजारों किलोमीटर दूर से भारी मुसीबतों का सामना कर घर लौटनेवाले इन प्रवासी मजदूरों की सबसे बड़ी चिंता रोजी-रोटी की है। झारखंड में करीब साढ़े छह लाख मजदूर लौट चुके हैं और इनमें से अधिकांश ने अब कभी बाहर नहीं जाने की बात कही है। ऐसे में इनके लिए काम की व्यवस्था करना राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी।